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साध्वी शशिप्रभा के निधन पर गुणानुवाद सभा का आयोजन, वक्ता बोले— एक लाख किलोमीटर की पैदल यात्रा की, सकल जैन समाज को एक सूत्र में पिरोया

साध्वी शशिप्रभा श्रीजी महाराज

केकड़ी, 28 जून (आदित्य न्यूज नेटवर्क): खरतरगच्छाधिपति आचार्य श्री मणिप्रभसूरीश्वर म.सा. की आज्ञानुवर्तिनी परम पूज्या प्रवर्तिनी महोदया श्री सज्जन श्रीजी महाराज साहब की सुशिष्या परम पूज्या प्रवर्तिनी महोदया बंगदेश उद्धारिका शशिप्रभा श्रीजी महाराज का बुधवार को बंगाल के पांशकुड़ा, कोलाघाट में सड़क दुर्घटना में कालधर्म हो गया। साध्वीजी के निधन का समाचार मिलते ही जैन समाज में शोक की लहर दौड़ गई। साध्वीजी की डोल यात्रा गुरुवार को घटनास्थल से 40 किलोमीटर दूर खड़गपुर में निकाली गई। जिसमे सम्पूर्ण भारत के हजारों श्रद्धालु शामिल हुए।

जैन धर्म की प्रभावना के कार्य किए साध्वीजी के निधन पर गुरुवार शाम को श्री जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ के तत्वावधान में सब्जी मण्डी स्थित कुशल भवन में गुणानुवाद सभा का आयोजन किया गया। सभा में बोलते हुए संघ अध्यक्ष जितेन्द्र सिंह सिंघवी ने कहा कि प्रवर्तिनी महोदया शशिप्रभा श्रीजी ने साध्वी जीवन के 67 वर्षों में जैन धर्म की प्रभावना के कई कार्य किए। उन्होंने एक लाख किलोमीटर की पदयात्रा कर सकल जैन समाज को एक सूत्र में पिरोने का अहम कार्य किया। मात्र 13 वर्ष की बाल्यावस्था में दीक्षा ग्रहण कर 67 वर्षों तक अनेक मुमुक्षु बहनों को संयम जीवन प्रदान किया।

केकड़ी: गुणानुवाद सभा में मौजूद खरतरगच्छ संघ के लोग।

भावांजलि अर्पित कर 12 नवकार का किया जाप सिंघवी ने कहा कि साध्वी शशिप्रभाजी के देवलोक गमन से जिनशासन व गच्छ की बहुत बड़ी क्षति हुई है। संयम जीवन में आप सदा निरंतर जप तप में लीन रहती थी। यह घटना खरतरगच्छ संघ के लिए बहुत ही दुखद घटना है। केकड़ी श्रीसंघ के सभी सदस्य परमात्मा व दादा गुरुदेव से प्रार्थना करते है, कि आपकी आत्मा मोक्षगामी बने। इस मौके पर संघ के सुरेन्द्र लोढ़ा, गौतम सिंह बग्गाणी, भंवरलाल मेड़तवाल, निहालचन्द मेड़तवाल, नवीन तातेड़, नीरज लोढ़ा सहित कई जने मौजूद रहे। अंत में सभा में मौजूद समाजबंधुओं ने साध्वीजी को भावांजलि अर्पित की व 12 नवकार का जाप किया।

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