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ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बना गुणोदय तीर्थ, 21 फीट ऊंची प्रतिमा सहित तीन भव्य प्रतिमाएं विराजमान, गूंजे भगवान आदिनाथ के जयकारे

केकड़ी: गुणोदय तीर्थ क्षेत्र में विशालकाय प्रतिमा को कमल वेदिका पर विराजमान करते श्रद्धालु।

केकड़ी, 18 जुलाई (आदित्य न्यूज नेटवर्क): अजमेर-कोटा हाईवे पर स्थित गुणोदय अतिशय तीर्थ क्षेत्र में गुरुवार को भगवान आदिनाथ समेत अरिहंत भगवान की तीन विशाल मूर्तियों को सैकड़ों भक्तों की मौजूदगी में विधि-विधान से कमल वेदिका पर विराजमान किया गया। ये मूर्तियां अशोकनगर (मध्यप्रदेश) में तिलकदान संस्कार के बाद यहां लाई गई थी। यहां जिन तीन भव्य मूर्तियों को विराजमान किया गया है, उनमें सबसे खास 21 फीट ऊंची पद्मासन मुद्रा में भगवान श्री आदिनाथ की मुख्य प्रतिमा है। इसके अलावा अरिहंत भगवान की दो अन्य प्रतिमाएं 15-15 फीट ऊंची हैं। इन सभी मूर्तियों को जयपुर में बनाया गया था। विराजमान करने से पहले इन्हें अशोकनगर में मुनिश्री सुधा सागर महाराज के सान्निध्य में तिलकदान संस्कार के लिए ले जाया गया था। वहां पर मुनिश्री ने कई धार्मिक अनुष्ठानों के साथ तिलकदान संस्कार पूरा कराया।

जयकारों के साथ किया देव प्रतिमाओं का स्वागत: तिलकदान के बाद इन मूर्तियों को खास बड़े ट्रेलरों पर रखकर कई गांवों, कस्बों और शहरों से होते हुए एक शानदार शोभायात्रा के रूप में गुणोदय तीर्थ क्षेत्र लाया गया। जैसे ही मूर्तियां तीर्थ क्षेत्र में पहुंची पूरा परिसर भक्ति से भर गया और भक्तों ने भजन, कीर्तन और जयकारों के साथ भगवान का स्वागत किया। इन तीनों दिव्य प्रतिमाओं को विराजमान करने का सौभाग्य शीतल कटारिया, टीकमचंद जैन एवं महावीर जैन व अशोक जैन को मिला। कार्यक्रम का संचालन प्रदीप भैया ने किया। इस दौरान अध्यक्ष ओमप्रकाश जैन, गोविंद जैन, ताराचंद जैन, सुनील जैन, अशोक कुमार जैन, धनेश जैन, विनोद मित्तल सहित कई महिला और पुरुष भक्त मौजूद रहे।

गुणोदय तीर्थ क्षेत्र का काम तेजी से जारी: गुणोदय तीर्थ क्षेत्र के प्रवक्ता धनेश जैन ने बताया कि यह तीर्थ न सिर्फ राजस्थान बल्कि पूरे भारत के जैन समुदाय के लिए गर्व का विषय बन रहा है। यहां 24 तीर्थंकरों के 24 भव्य मंदिरों का निर्माण कार्य चल रहा है। एक विशाल मुख्य मंदिर भी तेजी से बन रहा है, जिसमें ये तीनों दिव्य प्रतिमाएं भगवान आदिनाथ के रूप में स्थापित हुई है। उन्होंने यह भी बताया कि आने वाले समय में यह तीर्थ क्षेत्र सभी भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक केंद्र बनेगा।

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