Thursday, October 16, 2025
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राग से नरक, अनुराग से भव पार: आर्यिका स्वस्ति भूषण माताजी ने समझाया जीवन का सार

केकड़ी, 19 अप्रैल (आदित्य न्यूज नेटवर्क): यहां बोहरा कॉलोनी स्थित श्री नेमिनाथ जैन मंदिर परिसर में गणिनी आर्यिका स्वस्ति भूषण माताजी ने शनिवार को अपने प्रवचन में राग और अनुराग के सूक्ष्म भेद को समझाया। उन्होंने सांसारिक आसक्ति को पाप का कारण बताते हुए, परमात्मा और गुरु के प्रति अनुराग को मोक्ष का मार्ग बताया। माताजी ने कहा कि परिवार के प्रति अत्यधिक मोह कर्म बंधन बढ़ाता है, जबकि भगवान महावीर जैसे गुरुओं के प्रति सच्ची श्रद्धा जीवन को भवसागर से पार करा सकती है। जितना राग व्यक्ति अपने परिवार से करता है, यदि उतना ही अनुराग भगवान महावीर से करे, तो उसके जीवन का भवसागर पार होना निश्चित है।

श्रद्धालुओं ने की शांतिधारा प्रवचन से पहले जिनाभिषेक व शांतिधारा का आयोजन हुआ। श्रद्धालुओं ने भक्तिभाव से जिनेन्द्र प्रतिमाओं का अभिषेक किया। शांतिधारा का सौभाग्य पारस मल महावीर प्रसाद बघेरा व ओमप्रकाश गोविंद कुमार राजकुमार सदारा परिवार को मिला। चित्र अनावरण एवं दीप प्रज्ज्वलन भाग चंद विनय कुमार जैन कुमार जैन सावर द्वारा किया गया। शुभकामना परिवार के सिद्ध ग्रुप ने शास्त्र भेंट किए। आर्यिका माताजी के सानिध्य में प्रियंका दीदी ने आनंद यात्रा करवाई। समाज के अध्यक्ष ज्ञान चंद जैन व मंत्री कैलाश चंद जैन ने बताया कि मंदिर में स्थापित मुनिसुव्रतनाथ भगवान की विशेष शांतिधारा का सीधा प्रसारण भी किया गया। जिससे दूर-दराज के श्रद्धालु भी लाभान्वित हुए। संचालन कपिल शास्त्री ने किया।

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