केकड़ी, 23 अक्टूबर (आदित्य न्यूज नेटवर्क): एक ओर जहां देश चांद व मंगल पर पहुंचने के दावे कर रहा है।वहीं केकड़ी क्षेत्र में आज भी परंपरा व अंधविश्वास के नाम पर उद्दंडता ने अपनी गहरी जड़ें जमाई रखी है। श्रद्धा व उमंग से जुड़े दीपावली के पावन त्यौहार का मजा इस बार भी समाजकंटकों की बेजा हरकतों से प्रभावित रहा। घातक व तेज आवाज के पटाखों पर प्रतिबन्ध होने के बावजूद गोवर्धन के दिन केकड़ी के बाजारों में पटाखों का जमकर ‘तांडव’ मचा। घास भैरूं की सवारी के दौरान पुलिस का खौफ कहीं नजर नहीं आया।

कई सालों से जारी है खतरनाक खेल: इस बार सुबह जल्दी ही पटाखों का तांडव शुरू हो गया, जो घास भैरू की सवारी निकलने तक परवान पर पहुंच गया। युवा वर्ग ने इस दौरान मानो पटाखों की बरसात ही कर दी। उद्दंडी युवक पटाखों को जलाकर एक दूसरे पर फेंकते रहे। चारों ओर पटाखों की तेज आवाज, धुआं व कोलाहल नजर आ रहा था। गौरतलब है कि केकड़ी में पिछले कुछ वर्षों से यह दिन पटाखों के खतरनाक खेल के रूप में बदल गया है। पुलिस ने उद्दंडी युवकों पर अंकुश लगाने के लिए जवानों के साथ मोर्चा भी संभाला, लेकिन पुलिस के आगे बढ़ते ही यह खेल फिर से शुरू हो गया।

प्रशासन की अपील का नहीं हुआ असर: सीएलजी एवं शांति समिति की बैठक के माध्यम से प्रशासन की ओर से की गई तमाम कोशिशों पर उद्दंडी युवाओं के मंसूबों ने पानी फेर दिया। सदर बाजार से निकलने वाली घास भैरूं की सवारी से पहले पटाखे फेंकने का सिलसिला एकाएक तेज हो गया। इस दौरान उपखण्ड अधिकारी दीपांशु सांगवान, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्योराज मल मीणा, पुलिस उप अधीक्षक हर्षित शर्मा, तहसीलदार बंटी राजपूत एवं सिटी थानाधिकारी कुसुमलता मीणा पुलिस दल के साथ मौके पर मौजूद रहे। लेकिन वे भी पटाखे फेंकने की इस ‘परम्परा’ को रोकने में सफल नहीं हो सके।

बड़ा गुवाड़ा बना मिसाल: इस नकारात्मक माहौल के बीच बड़ा गुवाड़ा क्षेत्र से एक सुखद व अनुकरणीय जानकारी मिली। बताया जाता है कि क्षेत्र के जिम्मेदार लोगों की अपील पर पिछले कई सालों से घास भैरू की सवारी के दौरान आतिशबाजी पर अघोषित रोक लगी हुई है। ऐसे में किसी तरह की बेजा हरकत नहीं होने से महिलाओं व बच्चों ने घर के बाहर आराम से खड़े होकर सवारी देखने का आनंद लिया। पुलिस प्रशासन ने बड़ा गुवाड़ा के लोगों की इस सराहनीय पहल की प्रशंसा करते हुए अन्य क्षेत्र के लोगों से भी इसी तरह पटाखाबाजी पर अंकुश लगाने की अपील की है।


