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दिव्यांग महिला से रेप के मामले में न्यायालय ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा, आरोपी की पत्नी को संदेह का लाभ देकर किया बरी

प्रतीकात्मक फोटो

केकड़ी, 5 सितंबर (आदित्य न्यूज नेटवर्क): अजमेर की एससी-एसटी कोर्ट ने दिव्यांग महिला से रेप के आरोपी को मरने तक जेल में रखने की सजा सुनाई है। आरोपी की पत्नी को संदेह का लाभ देते हुए बरी किया गया है। कोर्ट में अभियोजन पक्ष की ओर से 11 गवाह व 26 दस्तावेज पेश किए गए। जज डॉ. रेणु श्रीवास्तव ने अपराध को गंभीर और घिनौना कृत्य मानते हुए आजीवन कारावास की सजा दी है। आरोपी पर 20 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है।

आरोपी ने बंधक बनाकर किया रेप कोर्ट के विशिष्ट लोक अभियोजक मंजूर अली ने बताया कि 30 जनवरी 2021 को सरवाड़ थाना क्षेत्र के एक गांव में दिव्यांग महिला बकरियां चराने गई थी। बकरियां अपने खेत में चराने के शक में आरोपी सोराज उर्फ मोगिया व उसकी पत्नी गीता ने पीड़िता को बंधक बनाकर मारपीट की। आरोपी ने अपनी पत्नी के सहयोग से दिव्यांग महिला के साथ रेप भी किया।

तीन साल पहले दर्ज हुआ मामला पीड़ित के घर पर नहीं पहुंचने पर उसका बेटा तलाश करते हुए खेतों की तरफ आया। जहां उसे महिला पेड़ के नीचे बैठकर रोते मिली। वह उसे घर ले गया और पूछताछ की। पर वह ज्यादा कुछ समझ नहीं पाया। इसके बाद उसने अपनी बहन को ससुराल से बुलाया। बहन ने आकर मां से इशारों में बात की। तब घटना का पता चला। पुलिस ने हॉस्पिटल में पीड़िता का मेडिकल कराया।

आरोपी ने कबूला जुर्म इलाज के दौरान पता चला कि पीड़िता के शरीर व प्राइवेट पार्ट पर चोट के निशान है। परिजनों ने 2 फरवरी 2021 को मुकदमा दर्ज कराया। अनुसंधान के बाद पुलिस ने आरोपी को 4 फरवरी को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उसने अपना जुर्म कबूल किया। मामले में पुलिस ने चालान पेश किया और कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई। सुनवाई पूरी होने पर जज डॉ. रेणू श्रीवास्तव ने आरोपी को आजीवन कारावास वास की सजा सुनाई।

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