केकड़ी, 18 फरवरी (आदित्य न्यूज नेटवर्क): दिगम्बर जैनाचार्य श्री विद्यासागर महाराज ने छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ स्थित चन्द्रगिरि तीर्थ में शनिवार (17 फरवरी) देर रात 2:35 बजे अपना शरीर त्याग दिया। उन्होंने तीन दिन पहले आचार्य पद का त्याग करने के बाद उपवास शुरु करते हुए मौन धारण कर लिया था। उनके संल्लेखना पूर्वक समाधि लेने की खबर मिलने के बाद जैन समाज के लोग डोंगरगढ़ में जुटना शुरू हो गए है। आचार्यश्री की महाप्रयाण यात्रा दोपहर एक बजे निकाली जाएगी।
केकड़ी में विनयांजलि सभा सोमवार को वात्सल्य मूर्ति, अपराजेयसाधक, तीर्थोद्धारक, लोकोपकारक, सर्वोदयी युगसंत आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महामुनिराज को भावपूर्ण विनयांजलि देने के लिए 19 फरवरी 2024 सोमवार को सकल दिगम्बर जैन समाज के तत्वावधान में चंद्रप्रभु चैत्यालय प्रांगण में सुबह 9 बजे विनयांजलि सभा का आयोजन किया गया है।
सकल जैन समाज स्तब्ध आचार्यश्री के देह त्यागने की खबर मिलते ही सकल जैन समाज में शोक व्याप्त हो गया। आचार्यश्री के समाधिमरण पर शोक व्यक्त करते हुए दिगम्बर जैन समाज के पूर्व अध्यक्ष शीतल कटारिया ने कहा कि अपने ओजस्वी ज्ञान से सम्पूर्ण जगत को पल्लवित करने वाले आचार्य श्री विद्यासागर महाराज को देश व समाज के लिए किए गए उल्लेखनीय कार्य, उनके त्याग और तपस्या के लिए युगों—युगों तक स्मरण किया जाएगा।
जैन जगत में शोक की लहर श्री सुधासागर दिगम्बर जैन विद्या विहार विद्यालय के अध्यक्ष संजय कटारिया ने कहा कि परम पूज्य गुरुवर आचार्य श्री विद्यासागर महाराज की शिक्षाएं मानवता के कल्याण और जीवों की सेवा के लिए सदैव प्रेरित करती रहेगी। दिगम्बर जैन समाज के अध्यक्ष भंवर बज ने कहा कि लाखों मनुष्यों के कष्टों का हरण करने वाले परम पूज्य गुरुदेव के समाधिमरण से जैन जगत में शोक की लहर है।
सम्पूर्ण विश्व के लिए अपूरणीय क्षति गुणोदय अतिशय तीर्थ क्षेत्र के प्रवक्ता धनेश जैन ने कहा कि संत शिरोमणि आचार्य विद्यासागर महाराज के संल्लेखना पूर्वक समाधिमरण की खबर न सिर्फ जैन समाज के लिए बल्कि समूचे भारत और विश्व के लिए अपूरणीय क्षति है। दिगम्बर जैन समाज के पूर्व अध्यक्ष मनोज पाण्ड्या ने कहा कि राष्ट्र संत आचार्य श्री विद्यासागर महाराज के समाधिमरण का समाचार सम्पूर्ण जगत को स्तब्ध और निशब्द करने वाला है।
एक युग का अंत श्री जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ के अध्यक्ष जितेन्द्र सिंघवी ने कहा कि आध्यात्मिक चेतना के पुंज, संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर महाराज के संल्लेखना पूर्वक समाधिमरण से एक युग का अंत हुआ है। आज सम्पूर्ण जैन समाज निशब्द और स्तब्ध है। श्री वर्धमान स्थानकवासी संघ के अध्यक्ष अशोक लोढ़ा ने कहा कि विश्ववंदनीय संत आचार्य श्री विद्यासागर महाराज का समाधिस्थ होना सम्पूर्ण जगत के लिए अपूरणीय क्षति है।
जैनाचार्य विद्यासागर महाराज ने त्यागी देह, तीन दिन से उपवास पर थे महामुनि, महाप्रयाण यात्रा दोपहर 1 बजे

जैनाचार्य श्री विद्यासागर महाराज (फाइल फोटो)