केकड़ी, 22 सितंबर (आदित्य न्यूज नेटवर्क): केकड़ी उपखण्ड के ग्राम कणौंज में रहने वाले जवानराम गुर्जर ने साहिक फैसला लेते हुए ब्रेन डेड हो चुके अपने 16 वर्षीय पुत्र दुर्गाशंकर गुर्जर के अंगदान करने का निर्णय किया है। अंगदान से 3 लोगों को नई जिंदगी मिलेगी। अजमेर के जेएलएन हॉस्पिटल में अंगदान की प्रक्रिया चल रही है। किशोर का हृदय ग्रीन कॉरिडोर बनाकर किशनगढ़ एयरपोर्ट एवं यहां से एक प्राइवेट जेट से चेन्नई भेजा जाना था। लेकिन समय अधिक लगने की वजह से हार्ट ले जाना कैंसिल कर दिया गया है। वहीं अभी लीवर व लंग्स को ग्रीन कॉरिडोर के जरिए जयपुर के सवाई मानसिंह हॉस्पिटल भेजा गया है। डॉक्टरों की टीम जेएलएन अस्पताल से एसएमएस के लिए निकल चुकी है। जबकि दोनों किडनी जयपुर के सवाई मानसिंह (SMS) हॉस्पिटल ले जाने की प्रोसेस की जा रही है।

भावुक नजर आए पिता: दुर्गाशंकर का लीवर एसएमएस अस्पताल भेजने से पहले जेएलएन अस्पताल में विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने माला पहनाकर स्वागत किया। देवनानी ने उसके परिजनों को भी माला पहनाई साथ ही वासुदेव देवनानी, अजमेर मेडिकल कॉलेज के प्रिसिंपल अनिल सामरिया, अधीक्षक डॉ अरविंद खरे ने पिता को सर्टिफिकेट भी दिया। आवश्यक कार्रवाई के बाद अस्पताल प्रशासन ने किशोर की बॉडी परिवार को सौंप दी। इस दौरान किशोर के पिता भावुक नजर आए। इससे पहले पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई। सभी ने “दुर्गा शंकर अमर रहे” के नारे लगाए तथा गार्ड ऑफ ऑनर दिया।

प्रशासन ने किए पुख्ता इंतजाम: इस दौरान अस्पताल प्रशासन, पुलिस व स्थानीय प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए है। गौरतलब है कि अंगदान की प्रकिया पूर्ण करने के लिए रविवार रात को ही जयपुर के एसएमएस हॉस्पिटल एवं चेन्नई के डॉक्टरों की टीम अजमेर जेएलएन हॉस्पिटल पहुंच गई थी। मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर अनिल सामरिया ने बताया कि जेएलएन अस्पताल में दुर्गा शंकर गुर्जर की दिमाग की नस फटने से ब्रेन डेथ हो गई थी। जिसके बाकी सारे ऑर्गन्स काम कर रहे थे। अस्पताल ने परिवार को प्रेरित किया और वे तुरंत इस पुण्य कार्य के लिए राजी हो गए।

कणौंज का रहने वाला है छात्र: केकड़ी के कणौज निवासी जवानाराम गुर्जर ने बताया कि उनका पुत्र दुर्गाशंकर गुर्जर कक्षा नौ का छात्र है। 16 सितंबर को सिरदर्द व उल्टी की शिकायत के बाद दुर्गाशंकर को केकड़ी के राजकीय जिला चिकित्सालय लाया गया। जहां से उसे प्राथमिक उपचार के बाद अजमेर रेफर कर दिया गया। अजमेर में जांच के बाद डॉक्टरों ने उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया था। इस दुखद घड़ी में भी उसके पिता ने एक साहसिक निर्णय लेते हुए बेटे के अंगों को दान करने की सहमति दी, जिससे 3 लोगों को नया जीवन मिल सकेगा।