केकड़ी, 20 अक्टूबर (आदित्य न्यूज नेटवर्क): दीपों का त्योहार दीपावली न सिर्फ रोशनी व खुशियों का पर्व है, बल्कि यह जागरूकता व सुरक्षा का भी अवसर है। पटाखों से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासन व स्वास्थ्य विशेषज्ञ लगातार आम जनता से सुरक्षित नियमों का पालन करने की अपील कर रहे हैं। विशेषज्ञों ने बच्चों व वयस्कों दोनों के लिए अनिवार्य दिशा निर्देश जारी किए हैं ताकि उत्सव का रंग फीका न पड़े। ऐसे में सुरक्षित दिवाली कैसे मनाए, इसके लिए कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। स्वास्थ्य विभाग ने भी अपील की है कि किसी भी गंभीर चोट की स्थिति में प्राथमिक उपचार में समय बर्बाद न करें तथा तुरंत निकटतम चिकित्सा केंद्र पर पहुंचे। ताकि समय रहते उपचार किया जा सके।
सुरक्षित पटाखे जलाने के अनिवार्य नियम: पटाखों का मजा तभी है, जब वे सुरक्षित रूप से चलाए जाएं। इन नियमों का पालन करना अत्यंत आवश्यक है। पटाखे घर के भीतर या भीड़-भाड़ वाली गलियों में न जलाएं। इन्हें हमेशा घर से दूर खुले मैदान या छत पर ही जलाएं, जहां आसपास कोई ज्वलनशील सामग्री न हो। पटाखा जलाने के बाद तुरंत उससे दूर हट जाएं। यदि पटाखा पहली बार में न जले तो उसे छूने या उसे फिर से जलाने की कोशिश कदापि न करें। उसे पानी डालकर निष्क्रिय होने दें। दुर्घटना की स्थिति से निपटने के लिए पटाखा जलाने वाले स्थान पर हमेशा एक बाल्टी पानी व रेत भरकर रखें। किसी भी छोटी आग या चिंगारी को बुझाने के लिए ये तुरंत काम आ सकते हैं। पटाखे जलाते समय सिंथेटिक या नायलॉन जैसे कृत्रिम रेशों से बने कपड़े पहनने से बचें, क्योंकि ये बहुत जल्दी आग पकड़ लेते हैं। हमेशा ढीले-ढाले सूती कपड़े ही पहनें।
आपातकालीन प्राथमिक उपचार के टिप्स: यदि दुर्भाग्यवश पटाखे से कोई छोटी-मोटी दुर्घटना हो जाए तो घबराने के बजाय ये प्राथमिक उपचार तुरंत करें, जिससे क्षति कम हो सकती है। यदि शरीर का कोई हिस्सा हल्का जल जाए तो जली हुई जगह को तुरंत 10 से 15 मिनट तक बहते हुए ठंडे पानी के नीचे रखें। यह गर्मी को शांत करता है व जलन को कम करता है। ध्यान रहे जली हुई जगह पर बर्फ, तेल (सरसों का तेल) या कोई अन्य लेप तुरंत न लगाएं। जली हुई जगह पर यदि छाला (Blister) पड़ जाए तो उसे फोड़ने की गलती न करें। ऐसा करने से संक्रमण (Infection) का खतरा बढ़ जाता है। छाले पर एंटीसेप्टिक क्रीम (जैसे बर्नोल) लगाकर साफ, रोगाणुरहित (Sterilized) कपड़े से हल्का ढक दें। यदि कोई चिंगारी या धुआं आंख में चला जाए, तो आंखों को बिल्कुल भी न रगड़ें। तुरंत ठंडे व साफ पानी से आंख को धोएं। यदि दर्द, जलन या दृष्टि में समस्या जारी रहे तो तुरंत नेत्र विशेषज्ञ या नजदीकी अस्पताल से संपर्क करें।