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विधायक शत्रुघ्न गौतम ने किया आश्वस्त, बोले—बरकरार रखेंगे केकड़ी जिले का सम्मान, हित प्रभावित होने पर नंगे पैर करेंगे जयपुर के लिए कूच

केकड़ी: जिला बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित धरने को संबोधित करते विधायक शत्रुघ्न गौतम।

केकड़ी, 5 अक्टूबर (आदित्य न्यूज नेटवर्क): केकड़ी जिले को बचाने के लिए जिला बार एसोसिएशन के आह्वान पर यहां कचहरी परिसर में पिछले 10 दिन से चल रहा धरना शनिवार को विधायक शत्रुघ्न गौतम के साथ चर्चा के बाद स्थगित कर दिया गया। धरने को संबोधित करते हुए विधायक शत्रुघ्न गौतम ने कहा ​कि राजस्थान में बने नए 17 जिलों में से एक भी जिला यथावत रहेगा तो केकड़ी जिला  भी यथावत रहेगा, वहीं 17 बने नए जिलों में से एक भी जिले की सीमा का विस्तार हुआ तो सबसे पहले केकड़ी जिले की सीमा का विस्तार होकर जिला यथावत रहेगा।

सोमवार को सुचारू होंगे न्यायिक कार्य गौतम ने कहा कि अ​भी जिला समाप्त होने की घोषणा नहीं हुई है। ऐसे में धरना प्रदर्शन करने का कोई औचित्य नहीं है। अधिवक्तागण के न्यायिक बहिष्कार के कारण कोर्ट में आने वाले पक्षकारों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। आपसी चर्चा के बाद जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रामअवतार मीणा ने धरना प्रदर्शन स्थगित करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि सोमवार को सभी वकील विधिवत रूप से काम पर लौट जाएंगे। धरने को बार के पूर्व अध्यक्ष मदनगोपाल चौधरी ने भी संबोधित किया। संचालन अधिवक्ता आशुतोष शर्मा ने किया।

जनभावना के अनुसार होगा निर्णय धरने को संबोधित करते हुए गौतम ने कहा कि केकड़ी जिले के मामले में जनभावना का आदर किया जाएगा। सरकार यहां की जनता का सम्मान बरकरार रखेगी। जनभावना के अनुसार निर्णय नहीं होने पर वे केकड़ी की जनता के साथ खड़े है। वे जनता के प्रतिनिधि है ऐसे में जनता के हितों का पूरा ध्यान रखा जाएगा। उन्होंने पहले भी जिले को लेकर कभी कोई बयान नहीं दिया है, अभी भी वे इसे हटाने के पक्ष में नहीं है। यह बात जरूर है कि जिलो का गठन सही ढंग से किया जाता तो आज इस तरह की बात नहीं होती।

केकड़ी: जिला बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित धरने में मौजूद विधायक शत्रुघ्न गौतम।

पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर साधा निशाना गौतम ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने पांच साल तक कोई काम नहीं किया तथा चुनाव आने से ठीक पहले बिना सोचे समझे एक साथ इतने जिले बना दिए। इसके लिए किसी तरह की तैयारी नहीं की गई, मापदण्डो का ध्यान नहीं रखा गया। राजनीतिक हितों को साधने के लिए जल्दबाजी में जिले बनाने का फैसला लिया गया, जो उन्हीं की सरकार पर उल्टा पड़ गया। जिन विधानसभा क्षेत्रों को जिला बनाया गया, वहां एक भी सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी को जीत हासिल नहीं हुई। ऐसे में यह स्पष्ट है कि सरकार के फैसले में कहीं न कहीं कोई कमी है।

पूर्व विधायक पर कसा तंज गौतम ने कहा कि नए जिलों के लिए सिर्फ 50—50 लाख रुपए घोषित किए गए। जबकि नए बने जिलों के लिए कम से कम 100—100 करोड़ रुपए की घोषणा की जानी चाहिए थी। पूर्व विधायक डॉ. रघु शर्मा पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि वे दस हजार लोगों को साथ लेकर नंगे पैर जयपुर कूच करने के लिए तैयार है। जनभावना का आदर करते हुए शर्मा को भी उनके साथ पैदल जयपुर चलना होगा।

भाजपा नेता के बयान के बाद फैला था असंतोष गौरतलब है कि भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ द्वारा केकड़ी और सांचौर सहित छोटे जिलों को हटाने के बयान के बाद लोगों में आक्रोश व्याप्त हो गया। इसी के साथ केकड़ी एसपी के स्थानांतरण और चार्ज अजमेर एसपी को सौंपने की घटनाओं ने इस असंतोष को और बढ़ा दिया। वहीं पुलिस मुख्यालय द्वारा शाहपुरा व गंगापुर सिटी में पुलिस अधीक्षक कार्यालय के लिए आवंटित वाहनों को वापस बुलाने से भी जिले को हटाने की संभावना को बल मिल रहा था।

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