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धूमधाम से मनाया मुनिसुव्रतनाथ भगवान का जन्म एवं तप कल्याणक महोत्सव, आर्यिका स्वस्ति भूषण माताजी ने कहा जीवन में संस्कार और धर्म का महत्व

केकड़ी: धर्मसभा में मौजूद आर्यिका स्वस्ति भूषण माताजी एवं गणमान्य अतिथिगण।

केकड़ी, 23 अप्रैल (आदित्य न्यूज नेटवर्क): बोहरा कॉलोनी में नेमिनाथ मंदिर के समीप स्थित शिवम वाटिका में चल रहे तीन दिवसीय श्री मुनिसुव्रतनाथ भगवान के जन्म एवं तप कल्याणक महोत्सव के दौरान प्रवचन करते हुए आर्यिका स्वस्ति भूषण माताजी ने कहा कि मानव जीवन में संस्कारों का महत्व है। अच्छे संस्कारों की नींव जिनागम के गहन ज्ञान को समझने से ही पड़ती है। तीर्थंकरों के कल्याणक महोत्सव मनाना पुण्यशाली जीवों का सौभाग्य है। जैन धर्म की प्रभावना के लिए सभी 24 तीर्थंकरों के कल्याणक धार्मिक अनुष्ठानों के साथ धूमधाम से मनाए जाने चाहिए।

जिन प्रतिमा का किया महामस्तकाभिषेक मीडिया प्रभारी रमेश बंसल व पारस जैन ने बताया कि सुबह आर्यिका माताजी के ससंघ सानिध्य में श्री मुनिसुव्रत नाथ मंदिर से भव्य जुलूस निकाला गया। जिसमें भाग चंद ज्ञान चंद जैनम कुमार विनय कुमार सावर परिवार द्वारा लाई गई भगवान की जिन प्रतिमा शोभायमान थी। यह जुलूस शिवम वाटिका पहुंचा, जहां भगवान मुनिसुव्रतनाथ का भव्य महामस्तकाभिषेक किया गया। आर्यिका स्वस्ति भूषण माताजी एवं पंडित कपिल भैया व पंडित निकेत शास्त्री के निर्देशन में संपन्न हुए।

केकड़ी: धर्मसभा में प्रवचन करती आर्यिका स्वस्ति भूषण माताजी।

ये रहे पुण्यशाली महामस्तकाभिषेक में श्रद्धालुओं ने रिद्धि सिद्धि मंत्रों के साथ 1008 रजत कलशों से भगवान का अभिषेक किया। प्रथम कलश का सौभाग्य टीकम चंद, विपिन कुमार, जितेंद्र कुमार, सानिध्य कुमार जैन एवं शांतिधारा का पुण्यार्जन महावीर प्रसाद, पदम चंद, अक्षत कुमार जैन बीजवाड़ ने प्राप्त किया। माताजी के पाद प्रक्षालन का सौभाग्य टीकम चंद मोनू कुमार जैन रामथला परिवार ने प्राप्त किया।

अतिथियों ने किया दीप प्रज्जवलन कार्यक्रम में भगवान महावीर व आचार्यश्री के चित्र का अनावरण एवं दीप प्रज्ज्वलन उपखंड अधिकारी सुभाष चन्द्र हेमानी व तहसीलदार बंटी राजपूत ने किया। इस मौके पर भाजपा शहर मण्डल अध्यक्ष रितेश जैन भी अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। समाज के गणमान्य व्यक्तियों ने अतिथियों का स्वागत सम्मान किया। माताजी ने अतिथियों को शास्त्र आदि भेंट किए एवं आशीर्वाद प्रदान किया। माताजी की प्रेरणा से जहाजपुर में निर्मित विश्व प्रसिद्ध जहाज मंदिर का उल्लेख करते हुए हेमानी ने कहा कि आज की महिलाएं सर्वशक्तिमान हैं। उन्होंने जैन धर्म की प्रासंगिकता और इसके महत्व पर भी प्रकाश डाला।

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