Site icon Aditya News Network – Kekri News

लोगों के लिए उम्मीद की किरण बनी ‘राष्ट्रीय लोक अदालत’, हजारों केसों का हुआ समाधान, करोड़ों के मामलों का हुआ निपटारा

केकड़ी: तृतीय राष्ट्रीय लोक अदालत में आपसी सहमति से मुकदमों का निपटारा करते न्यायिक अधिकारीगण।

केकड़ी, 13 सितंबर (आदित्य न्यूज नेटवर्क): केकड़ी स्थित न्यायालयों में शनिवार को “ना किसी की जीत ना किसी की हार” के आदर्श वाक्य के साथ तृतीय राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। इस दौरान करोड़ों रुपए के मामलों का निपटारा आपसी सहमति से हुआ, जिससे न्याय प्रक्रिया में तेजी आई व लोगों को राहत मिली। लोक अदालत में दो अलग-अलग बेंचों का गठन किया गया था, जिसमे कुल 16,889 मामलों का निपटारा किया गया। प्रथम बेंच की अध्यक्षता अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश जयमाला पानीगर ने की। इसमे अधिवक्ता मुकेश गढ़वाल सदस्य के रूप में शामिल थे। इस बेंच ने 137 मामलों का निपटारा किया, जिसमें 4,02,73,750 रुपए (चार करोड़ दो लाख तिहत्तर हजार सात सौ पचास रुपए) के अवार्ड पारित किए गए।

इतने मामलों का हुआ निस्तारण: प्रथम बैंच मे न्यायालय एडीजे 01 केकडी व एडीजे 02 केकड़ी के 55 प्रकरण तथा बैंकों व ए.वी.एन.एल. के प्री-लिटिगेशन के 82 प्रकरण शामिल है। द्वितीय बेंच की अध्यक्षता सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट शुभम गुप्ता ने की। इसमे अधिवक्ता चेतन धाभाई पैनल अधिवक्ता के रूप में मौजूद रहे। इस बेंच ने 16,752 मामलों का निपटारा किया। जिसमें 1,39,12,185 रुपए (एक करोड़ उनतालीस लाख बारह हजार एक सौ पचासी रुपए) के अवार्ड पारित किए गए। इनमे न्यायालय एसीजेएम 01 केकडी, एसीजेएम 02 केकडी व जेएम केकड़ी के 229 प्रकरण तथा अतिरिक्त जिला कलक्टर केकडी, उपखण्ड न्यायालय केकडी, भिनाय व सावर एवं तहसील केकड़ी, भिनाय व सावर के 16553 प्रकरण शामिल है।

इन्होंने किया सहयोग: लोक अदालत को सफल बनाने में तालुका विधिक सेवा समिति के सचिव जितेंद्र लखारा, राजेन्द्र निर्वाण, आशीष मीणा, आशाराम कुमावत, अमरचंद चांवला, संजीव चौधरी, अभिषेक कायत, महावीर सिंह, भागचंद मीणा सहित अन्य ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई एवं होमगार्ड सागर वैष्णव, आशाराम तेली, दिलखुश साहू, देवराज व सुरेश ने सहयोग प्रदान किया। लोक अदालत को सफल बनाने में बार एसोसिएशन अध्यक्ष मनोज आहूजा, अधिवक्ता हेमन्त जैन, लोकेश शर्मा, अजय पारीक, कन्हैयालाल मेवाडा, दशरथ सिंह कांदलोत, मुकेश शर्मा, नितिन जोशी व अन्य विद्वान अधिवक्तागण का सहयोग भी सराहनीय रहा।

Exit mobile version