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मां की ममता व पिता की क्षमता पहचानने वाला सदैव सुखी— मुनि अनुपम सागर महाराज

केकड़ी: धर्मसभा की शुरुआत में दीप प्रज्जवलन करते लाभार्थी परिवार के सदस्य।

केकड़ी, 24 अगस्त (आदित्य न्यूज नेटवर्क): दिगम्बर जैन संत अनुपम सागर महाराज ने कहा कि आज का मनुष्य अंतरंग में जो आत्म रुपी परमात्मा छिपा हुआ है, उसको पहचान नहीं पा रहा है। मात्र ऊपरी आवरण के रंग रूप को देखकर प्रफुल्लित हो रहा है। भटका हुआ व्यक्ति कोशिश करके रास्ते में चला जाता है, लेकिन लटका हुआ व्यक्ति खुद तो लटका रहता है और दूसरों को भी लटकाए रखता है। वे घण्टाघर स्थित आदिनाथ मंदिर में सत्यार्थ बोध पावन वर्षा योग के अवसर पर प्रवचन कर रहे थे।

पाद प्रक्षालन कर लिया आशीर्वाद मुनिश्री ने कहा कि जहां मां की ममता व पिता की क्षमता पहचानने वाला सदैव सुखी रहता है। वहीं प्रभु के प्रति समर्पण हो तो कठिन से कठिन संकट भी टल जाता है। मुनि के वचन कभी भी गलत नहीं होते हैं। मीडिया प्रभारी रमेश जैन ने बताया कि आचार्यश्री का चित्र अनावरण, दीप प्रज्वलन, पाद प्रक्षालन एवं शास्त्र भेंट का लाभ शांतिलाल, पारसकुमार, विनोदकुमार, राकेश कुमार मंगल जूनियां वालों ने प्राप्त किया। धर्मसभा का संचालन के.सी. जैन ने किया।

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