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पुलिस ने ‘कछुआ ठगी’ कांड का किया खुलासा, 16 माह बाद दो आरोपी दबोचे, लाखों रुपए कमाने का झांसा देकर की थी 5.5 लाख रुपए की धोखाधड़ी

केकड़ी: शहर थाना पुलिस की गिरफ्त में धोखाधड़ी के आरोपी।

केकड़ी, 28 सितंबर (आदित्य न्यूज नेटवर्क): केकड़ी शहर थाना पुलिस ने कछुए को कम कीमत पर बेचकर लाखों रुपए कमाने का झांसा देने एवं आम जनता से धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के दो मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है। ये आरोपी पिछले 16 महीनों से फरार चल रहे थे। थानाधिकारी कुसुमलता मीणा ने बताया कि दौलाड़ा थाना सदर जिला बूंदी निवासी सत्यनारायण धाकड़ पुत्र ईश्वरलाल ने गत 1 जून 2024 को रिपोर्ट दर्ज करवाई कि मदन मोग्या नामक व्यक्ति उसके पास आया और उसे झांसा दिया कि उसका एक मिलने वाला डॉक्टर है, जिसे कछुए की आवश्यकता है। वह इस काम के उसे 50 लाख रुपए दिलवा सकता है।

पीले रंग का कछुआ दिया: कुछ दिनों बाद मदन मोग्या अपने दो साथियों प्रधान मोग्या व बन्ना लाल मोग्या के साथ आया और कहा कि वे कछुआ लाकर देंगे लेकिन मुनाफे का आधा हिस्सा उन्हें देना होगा। परिवादी सत्यनारायण धाकड़ मदन मोग्या के बेटे को जानता था, इस कारण वह उनके झांसे में आ गया और नियत समय पर साढ़े पांच लाख रुपए लेकर केकड़ी बस स्टैंड पहुंचा। जहां मदन मोग्या, प्रधान मोग्या, भंवर लाल मोग्या व बैजनाथ मोग्या ने उसे एक पीले रंग का एक कछुआ दिया। जिसके बदले में उसने साढ़े पांच लाख रुपए दे दिए।

आधे घंटे बाद मर गया कछुआ: रुपए देने के लगभग आधे घंटे बाद ही कछुआ मर गया। जब उसने आरोपियों से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि दूसरे कछुए की व्यवस्था करनी पड़ेगी, जिसमे दो पांच दिन लगेंगे। इसके बाद उन्होंने टालमटोल करना शुरू कर दिया और बाद में फरार हो गए। इस शिकायत पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की। पुलिस ने तकनीकी साक्ष्यों की मदद एवं मुखबिरों से मिली विश्वसनीय सूचना के आधार पर दतोब जिला टोंक निवासी प्रधान मोग्या (30) पुत्र हरजी मोग्या व शंभूनगर थाना केकड़ी निवासी बैजनाथ मोग्या (25) पुत्र लालाराम मोग्या को 16 माह बाद धर दबोचा।

लंबे समय से ​सक्रिय है गिरोह: थानाधिकारी कुसुमलता मीणा ने बताया कि धोखाधड़ी करने वाला यह गिरोह लंबे समय से सक्रिय है। प्रकरण में आगे का अनुसंधान जारी है तथा अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है। पुलिस महानिरीक्षक राजेन्द्र सिंह व पुलिस अधीक्षक वंदित राणा के निर्देशन एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्योराज मल मीणा व पुलिस उप अधीक्षक हर्षित शर्मा के निकटतम सुपरविजन में की गई इस कार्रवाई में थानाधिकारी कुसुमलता मीणा, हैड कांस्टेबल मदनलाल मीणा एवं कांस्टेबल राकेश यादव (विशेष योगदान) व नीरज सिंह (विशेष योगदान) ने अहम भूमिका निभाई है।

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