केकड़ी, 28 जून (आदित्य न्यूज नेटवर्क): पॉक्सो मामले में फरार जिस अभियुक्त को पकड़ने के लिए पुलिस ने दस हजार रुपए का इनाम घोषित कर रखा था, पुलिस उसे ही पहचान नहीं सकी। पुलिस ने वास्तविक आरोपी के हमनाम दूसरे युवक को गिरफ्तार कर अदालत में पेश कर दिया, लेकिन जब युवक ने अदालत को बताया कि इस मामले में वह नहीं बल्कि उसका पड़ोसी वांछित है। तो पुलिस अधिकारियों के पैरों तले जमीन खिसक गई। दोनों का नाम, पिता का नाम और पता बिलकुल एक जैसा ही है। पुलिसिंग की इस बड़ी चूक पर कोर्ट ने जांच अधिकारी को फटकार लगाई और पकड़े गए युवक की जगह वास्तविक आरोपी को गिरफ्तार कर पेश करने के निर्देश दिए।
वारदात में सहयोगी है आरोपी पुलिसिंग में बड़ी खामी का यह दिलचस्प मामला केकड़ी जिलान्तर्गत सरवाड़ थाने में नाबालिग लड़की के अपहरण दुष्कर्म से जुड़ा है। इस मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी बोनी चौधरी को गिरफ्तार किया था। लेकिन वारदात में उसका सहयोग करने वाले पवालिया मोर जिला केकड़ी निवासी अशोक पुत्र जोधाराम और सुरेश पुत्र जगदीश जाट की पुलिस तलाश कर रही थी। दोनों 21 दिसंबर 2023 से फरार हैं। पुलिस ने इनकी गिरफ्तारी पर 10 हजार रुपए का इनाम घोषित किया हुआ है। दोनों फरार आरोपियों के बारे में राज्य भर के थानों में सूचना भिजवाई थी। इस बीच पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ जांच पेंडिंग रखते हुए मामले में चार्जशीट भी अजमेर की पॉक्सो कोर्ट संख्या एक में पेश कर दी थी।

प्रोडक्शन वारंट के जरिए किया गिरफ्तार सरवाड़ थानाधिकारी सत्यवान सिंह को सूचना मिली कि फरार इनामी आरोपी सुरेश टोंक सेंट्रल जेल में किसी अन्य मामले में बंद है। उसे डिग्गी थाना पुलिस ने 24 जून को गिरफ्तार किया था। इस पर सरवाड़ पुलिस ने प्रोडक्शन वारंट के जरिए सुरेश को टोंक जेल से गिरफ्तार कर लिया। लेकिन जब सुरेश ने खुलासा किया कि पॉक्सो एक्ट में वह नहीं बल्कि उसका पड़ोसी सुरेश वांछित है, तो पुलिस के होश उड़ गए। पुलिस ने गिरफ्तार सुरेश को उसके गांव पवालिया ले जाकर तस्दीक कराई तो सच्चाई सामने आई।
सरपंच ने की तस्दीक मोर गांव के सरपंच और अन्य लोगों ने यह तस्दीक की कि पॉक्सो एक्ट में वांछित सुरेश पुत्र जगदीश जाट फरार है। गिरफ्तार युवक भी सुरेश पुत्र जगदीश जाट है, लेकिन वह पॉक्सो आरोपी का पड़ोसी है। दोनों के नाम, पिता का नाम, पता और उम्र करीब 33 साल एक समान है। वास्तविकता सामने आने पर पुलिस ने गुरुवार को पॉक्सो कोर्ट के समक्ष गिरफ्तार सुरेश को पेश किया। सच्चाई सामने आने पर कोर्ट ने जांच अधिकारी को कड़ी फटकार लगाते हुए निर्देश दिए कि गिरफ्तार सुरेश को वापस टोंक सेंट्रल जेल भेजा जाए और वास्तविक आरोपी को गिरफ्तार कर कोर्ट के समक्ष पेश किया जाए।
पहले भी हो चुकी है चूक पुलिस ने मादक पदार्थ तस्करी मामले में करीब तीन साल पहले भी वास्तविक आरोपी की जगह उसके जुड़वा हमशक्ल भाई को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश कर दिया था। कोर्ट के आदेश पर उसे जेल भेज दिया गया था। करीब तीन महीने जेल में रहने के दौरान वास्तविक आरोपी शाहनुल अंसारी ने कोर्ट में खुलासा किया कि गिरफ्तार किया गया उसका जुड़वा भाई है। कोर्ट ने इस मामले को भी पुलिस तफ्तीश में बड़ी खामी माना था। इस मामले में आरोपी की तस्दीक उसके हाथ पर अंकित नाम के कारण हुई थी। दोनों की शक्ल-सूरत और कद-काठी समान थी।