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बिजली संकट की आहट: ठेकेदारों ने किया ‘एलआरसी’ कार्यों का बहिष्कार, निगम की सेवाओं पर पड़ेगा असर

केकड़ी: विद्युत निगम के सहायक अभियंता मुकेश मीणा को ज्ञापन सौंपते ठेकेदार यूनियन संघ के प्रतिनिधि।

केकड़ी, 04 सितंबर (आदित्य न्यूज नेटवर्क): अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (एवीवीएनएल) के केकड़ी डिवीजन में बिजली सेवाओं पर संकट गहराता दिख रहा है। ठेकेदार यूनियन ने ‘लोकल रेट कॉन्ट्रैक्ट’ (LRC) के तहत होने वाले सभी कार्यों का बहिष्कार करने का फैसला लिया है। ठेकेदारों का आरोप है कि कार्य आदेश जारी करने की प्रक्रिया में अनियमितता बरती जा रही है, साथ ही नियमों का उल्लंघन हो रहा है, जिससे उन्हें काम करने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ठेकेदार यूनियन संघ ने सहायक अभियंता मुकेश मीणा को एक ज्ञापन सौंपकर अपनी समस्याओं से अवगत कराया है। उन्होंने साफ कर दिया है कि जब तक अजमेर जिला वृत्त के सभी ठेकेदारों की समस्याओं का समाधान नहीं होता, तब तक वे काम पूरी तरह से बंद रखेंगे। इस मौके पर यूनियन के महावीर प्रसाद सैन, हिमांशु गुप्ता, कोमल नागर, रिंकू धाकड़, संजय लौहार सहित अन्य मौजूद रहे।

ठेकेदारों की प्रमुख मांगें व आरोप: ठेकेदारों का कहना है कि मार्च 2025 के बाद रोस्टर प्रणाली (जिससे काम आवंटित होता है) केवल 4 बार ही चली है, जिससे उन्हें समय पर काम नहीं मिल पा रहा है। उन्हें जले हुए ट्रांसफॉर्मर बदलने व टूटे-फूटे पोल ठीक करने जैसे अतिआवश्यक कार्य भी बिना कार्य आदेश के करने पड़ रहे हैं, जो कि नियमों के खिलाफ है। ये कार्य 481 के तहत ‘रेस्टोरेशन ऑफ पावर सप्लाई’ में आते हैं, फिर भी इन्हें रोस्टर प्रणाली में डाला गया है। उनकी मांग है​ कि अगर सभी काम रोस्टर प्रणाली से ही देने है, तो इसे महीने में कम से कम तीन बार चलाया जाए। इसी के साथ कार्य आदेश में जीएसटी नहीं जोड़ा जा रहा, जिससे उन्हें काम का 20 प्रतिशत हिस्सा कम मिल रहा है।

जीएसटी की राशि बिल में जोड़ने की मांग: ठेकेदारों ने मांग की है कि जीएसटी को सीधे बिल में जोड़ा जाए। ठेकेदारों ने बताया कि मार्च से सितंबर 2025 तक मात्र 4 बार रोस्टर चलने के बावजूद उन्होंने कई काम कर दिए थे, जिनका अभी तक कार्य आदेश जारी नहीं हुआ है। इससे उनके काम का बैकलॉग बढ़ गया है और उन्हें भुगतान नहीं मिल पा रहा है। ठेकेदारों के इस बहिष्कार से बिजली आपूर्ति व रखरखाव से जुड़े कार्यों पर गंभीर असर पड़ सकता है। फिलहाल विद्युत विभाग ने इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। ठेकेदारों ने चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांगों पर उचित कार्रवाई नहीं होती, तब तक उनका यह बहिष्कार जारी रहेगा।

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