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राजस्थान सेन समाज ने मुख्यमंत्री के समक्ष रखी प्रमुख मांगें, पिछड़ापन दूर करने के लिए कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ने की लगाई गुहार

केकड़ी: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मुलाकात करते सेन समाज के सदस्य।

केकड़ी, 05 अप्रैल (आदित्य न्यूज नेटवर्क): राजस्थान सेन समाज के प्रतिनिधिमंडल ने जयपुर में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मिलकर समाज की विभिन्न मांगों से अवगत करवाया। प्रतिनिधिमण्डल में शामिल केश कला बोर्ड के पूर्व सदस्य एवं केकड़ी के भाजपा नेता सुरेश सैन ने बताया कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मिलकर समाज के पिछड़ेपन को दूर करने और सरकार तथा विभिन्न संगठनों में उचित प्रतिनिधित्व और भागीदारी सुनिश्चित करने का आग्रह किया। इसी प्रकार बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर द्वारा लागू किए गए आरक्षण फॉर्मूले को राजस्थान में लागू करने की मांग की। इस फॉर्मूले में पिछड़े वर्गों के साथ-साथ आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों और महिलाओं के लिए विशेष प्रावधान हैं। इस प्रतिनिधिमण्डल में पूरे प्रदेश के सेन समाज के लोग शामिल थे।

अत्यंत पिछड़ी जाति में शामिल करने की मांग प्रतिनिधिमण्डल द्वारा सेन समाज को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में अत्यंत पिछड़ी जाति (ईबीसी) की श्रेणी में शामिल करने का अनुरोध किया गया, जिससे उन्हें अतिरिक्त सरकारी योजनाओं और लाभों का अवसर मिल सके। सेन समाज के लोगों को विश्वकर्मा योजना में शामिल करने और इस योजना के तहत पात्र लाभार्थियों को न्यूनतम 2 लाख का ऋण प्रदान करने का आग्रह किया गया। इसी प्रकार जयपुर शहर में सेन जी महाराज के नाम पर एक सर्कल (चौराहा) बनाने की मांग रखी गई, ताकि समाज के इस महत्वपूर्ण संत का सम्मान किया जा सके। सेन समाज ने सेन जयंती के अवसर पर सार्वजनिक अवकाश घोषित करने का अनुरोध किया।

केश कला बोर्ड का गठन करने की मांग केश कला (बालों से संबंधित कला) में लगे लोगों के कल्याण और विकास के लिए एक केश कला बोर्ड का गठन करने की मांग की गई। यह बोर्ड इस क्षेत्र के कारीगरों और व्यवसायों को बढ़ावा देने और उनकी समस्याओं का समाधान करने में सहायक हो सकता है। सेन समाज के स्वामित्व वाली दुकानों के पंजीकरण को सुगम बनाने और उन्हें सरकारी योजनाओं से जोड़ने की मांग की गई। सेन समाज के पात्र परिवारों को खाद्य सुरक्षा योजना से जोड़ने का अनुरोध किया गया, ताकि उन्हें आवश्यक खाद्य सामग्री उपलब्ध हो सके। सेन समाज के लोगों के लिए 20 लाख की बीमा कवरेज प्रदान करने की मांग की गई। सेन समाज ने सरकार और विभिन्न सरकारी व गैर-सरकारी संगठनों में अपनी सक्रिय भागीदारी और प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने पर जोर दिया।

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