केकड़ी, 15 अप्रैल (आदित्य न्यूज नेटवर्क): अजमेर के सेन्ट्रल जेल में रेप के आरोप में सजा काट रहे बंदी के पेरोल से फरार होने का मामला सामने आया है। आरोपी नाबालिग किशोरी का किडनेप कर रेप करने के मामले में सेन्ट्रल जेल में सजा काट रहा था। बताया जाता है कि आरोपी पन्द्रह दिन की पेरोल खत्म होने के बावजूद वापस नहीं लौटा। जेल प्रशासन ने आरोपी के खिलाफ सिविल लाइन थाने में मामला दर्ज कराया है।
पन्द्रह दिन की आपात पेरोल पर रिहा हुआ था आरोपी अजमेर जेल उपअधीक्षक की ओर से दी गई रिपोर्ट में बताया कि जेल में दण्डित बंदी सांवरलाल पुत्र रामलाल माली निवासी स्वास्तिक धर्म कांटे के सामने जयपुर रोड पोकीनाडी केकड़ी पोक्सो के मामले में 3 जून 2023 से सजा काट रहा था। बंदी को राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर में दायर एस.बी.क्रिमिनल रिट पीटीशन (पैरोल) के पारित आदेश 20 मार्च 2024 की पालना में 30 मार्च 2024 को 15 दिन की आपात पैरोल पर रिहा किया गया था।
पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा जिसे बाद पैरोल समाप्ति पर 13 अप्रैल 2024 को इस कारागृह में समर्पण करना था, किन्तु बंदी पैरोल से फरार हो गया। बंदी के जमानती रोडू माली पुत्र किशन माली निवासी वार्ड न0. 19 जयपुर रोड कबुतर खाने के पास केकड़ी तथा प्रेम देवी पत्नी स्व रामलाल माली निवासी पोकीनाडी जयपुर रोड वार्ड न0.26 केकड़ी की शर्त पर जमानत दी गई थी। सिविल लाइन थाना पुलिस अजमेर ने मामला दर्ज कर जांच एएसआई कृष्ण कुमार को सौंपी है।
क्या है पूरा मामला 27 अप्रैल 2020 को केकड़ी थाने में पीड़िता के पिता ने रिपोर्ट देकर बताया कि वह किसान है और खेती बाड़ी का काम करता है। रात को साढ़े तीन बजे करीब जब उसकी पत्नी उठी तो वह नाबालिग बच्ची को घर में नहीं पाकर परेशान हो गई। बच्ची को आसपास क्षेत्र में तलाश किया लेकिन वह नहीं मिली। पीड़िता के पिता ने अपने ससुर को बच्ची के लापता होने की सूचना दी। ससुर जब अपने दामाद के खेत पर आ रहे थे। तब सड़क पर बदहवास और लहूलुहान हालत में बच्ची मिली।
डीएनए रिपोर्ट से हुई थी रेप की पुष्टि पीड़िता ने पूछताछ में बताया कि एक व्यक्ति रात को सोते समय उठाकर ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया। पीड़िता को इलाज के लिए केकड़ी अस्पताल में ले जाया गया। पिता की शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर केकड़ी पुलिस ने बाद में फरार आरोपी जयपुर रोड निवासी सांवरलाल माली को गिरफ्तार कर लिया। बाद में कोर्ट में मामले की सुनवाई शुरू हुई और पीड़िता आरोपी को पहचान नहीं पाई। लेकिन उसके कपड़ों व शरीर पर सीमन से आरोपी के अपराध व डीएनए रिपोर्ट में पीड़िता से रेप की पुष्टि हुई।
न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा से किया था दण्डित प्रकरण में 19 गवाह व 50 दस्तावेज पेश किए गए। पोक्सो कोर्ट अजमेर के जज बी.एल. जाट ने अपने फैसले में कहा था कि आरोपी की ओर से किए गए घृणित कृत्य को देखते हुए उसके प्रति नरमी का रूख नहीं अपनाया जा सकता। जो एक गम्भीर प्रकृति का अपराध है। इसके लिए उसे विभिन्न धाराओं में अलग अलग सजा सुनाते हुए आजीवन कारावास-प्राकृतिक जीवन जीने तक व 58 हजार के अर्थदंड से दंडित किया।
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