केकड़ी, 19 जून (आदित्य न्यूज नेटवर्क): सुप्रसिद्ध हास्य कवि दिवंगत सुरेंद्र दुबे के जन्म दिन की पूर्व संध्या पर स्मृति संस्थान के तत्वावधान में बुधवार रात्रि को पीएमश्री राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के रंगमंच पर सम्मान समारोह एवं अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कवि सम्मेलन में देश भर से आए प्रमुख कवियों ने बेहतरीन रचनाओं के शब्द सुमन अर्पित कर कार्यक्रम को यादगार बना दिया। दुबे की स्मृति को चिरस्थाई बनाए रखने के लिए कवि सम्मेलन के दौरान सुप्रसिद्ध कवि हरिओम पंवार (सम्मान–2024) को ‘ओज रत्न सम्मान’ एवं सुप्रसिद्ध गीतकार डॉ. विष्णु सक्सेना (सम्मान–2025) को ‘गीत रत्न सम्मान’ से नवाजा गया। इसी प्रकार विधायक शत्रुघ्न गौतम को केकड़ी कोहीनूर सम्मान, शाहपुरा विधायक लालाराम बैरवा को केकड़ी रत्न सम्मान, पत्रकार सुरेन्द्र जोशी को ब्रह्म रत्न सम्मान एवं सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य ब्रजराज शर्मा को विज्ञान रत्न सम्मान से सम्मानित किया गया।
ये रहे अतिथि: कवि सम्मेलन में केकड़ी विधायक शत्रुघ्न गौतम एवं शाहपुरा विधायक लालाराम बैरवा मुख्य अतिथि के रूप उपस्थित रहे। अतिरिक्त जिला कलक्टर चंद्रशेखर भंडारी व पंचायत समिति प्रधान होनहार सिंह राठौड़ खास मेहमान एवं उपखण्ड अधिकारी सुभाष चन्द्र हेमानी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता नगर परिषद सभापति कमलेश साहू ने की। शुरुआत में अतिथियों ने मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन किया। प्रारंभ में संस्थान के चन्द्रप्रकाश दुबे, डॉ. अविनाश दुबे, अनिरूद्ध दुबे सहित अन्य ने कवियों एवं अतिथियों का अभिनन्दन किया। संस्थान अध्यक्ष चन्द्रप्रकाश दुबे ने स्वागत उद्बोधन दिया।
तेजा मेले में दो कवि सम्मेलन आयोजित करने की घोषणा: विधायक शत्रुघ्न गौतम ने इस अवसर पर घोषणा करते हुए कहा कि श्री सुरेंद्र दुबे स्मृति संस्थान केकड़ी शहर में किसी भी चौराहे, सड़क अथवा सामुदायिक भवन का नामकरण स्वर्गीय कवि सुरेंद्र दुबे के नाम पर करने हेतु प्रस्ताव भेजें। नगर परिषद केकड़ी द्वारा शीघ्र उस प्रस्ताव को पारित कर स्व. सुरेन्द्र दुबे की स्मृति को चिरस्थाई बनाया जाएगा। विधायक गौतम ने तेजा मेले में दो कवि सम्मेलन आयोजित करने की घोषणा करते हुए कहा कि इसमें दुबे स्मृति कवि सम्मेलन में आमंत्रित सभी कवियों को आमंत्रित किया जाएगा। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ पत्रकार सुरेन्द्र जोशी ने किया।
हास्य व्यंग्य की कविताओं ने गुदगुदाया: कवि सम्मेलन की शुरूआत में कवि डॉ. कैलाश मण्डेला शाहपुरा ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। प्रथम कवि के रूप में हास्य कवि दिनेश बंटी शाहपुरा ने दादाजी के स्वर्गवास पर सांत्वना देने आने वाले लोगों पर उठावना शीर्षक से हास्य रचना प्रस्तुत कर खूब हंसाया। भोपाल से आए हास्य कवि दीपक शुक्ला “दनादन” ने उत्सव ये स्वाधीन दिवस के केवल एक छलावा है, कैसी ये आज़ादी पाई जीवन भर पछतावा है, ये आजादी इंसानों में मजहब की दीवार बनी, ये आजादी खून बहाती आतंकी हथियार बनी, ये आजादी नारी की लूटती अस्मत से रोती है, ये आजादी फुटपाथों पर भूखी नंगी सोती है… सहित कई कविताएं सुनाकर लोगों को खूब आनंदित किया।
सुनाएं मनमोहक मुक्तक: अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पैरोडीकार एवं गीतकार डॉ. कैलाश मण्डेला शाहपुरा ने अपने चिर परिचित अंदाज में राजनीतिक विसंगतियों पर जम कर प्रहार किया और श्रोताओं को भरपूर आनंद प्रदान किया। कवयित्री डॉ कीर्ति काले दिल्ली ने अपने मनमोहन मुक्तक सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने अपनी ओजस्वी वाणी के माध्यम से पहलगाम में आतंकी आए तो फिर आए कैसे हुई सुरक्षा में गलती काले बादल छाए कैसे बहनों के सिन्दूर पोंछकर गए तो आखिर कहां गए आसमान खा गया उन्हें या फिर धरती में समा गए उन्हें पकड़कर लाने का संकल्प हमारा है, क्या सिंहों का देश कभी चूहों से हारा है… समेत कई गीत सुनाकर कार्यक्रम को परवान चढ़ाया।
चांदनी गीतों ने किया भावविभोर: सुप्रसिद्ध गीतकार डॉ विष्णु सक्सेना सिकन्दराऊ ने अपने काव्य पाठ में चांदनी रात में रंग ले हाथ में सारी दुनिया को हम छोड़ तुम हमारी कसम तोड़ दो हम तुम्हारी कसम तोड़ दें हल्दीघाटी युद्ध की तिथि के परिप्रेक्ष्य में अपनी लोक प्रसिद्ध रचना “धोयो माथे लाग्योड़ा दाग ने, हिंदवाणी सूरज ऊंची राखी मेवाड़ी पाग ने” का पाठ कर श्रोताओं को रोमांचित कर भरपूर तालियां बटोरी। उनकी कविताओं पर श्रोताओं ने तालियों की गड़गड़ाहट और वाह-वाह कर खूब दाद दी। संस्थान के चित्रकला शिक्षक रणवीर सिंह सोढी ने आयोजन में आए हुए सभी अतिथियों व कवियों को उनके स्केच भेंट किए।
श्रोताओं में भरा जोश: मेरठ से आए ओज के सुप्रसिद्ध कवि हरिओम पंवार ने काव्य पाठ के माध्यम से कवि सम्मेलन को ऊंचाइयां प्रदान की। उन्होंने पहलगाम के आंसू का संत्रास नहीं तो क्या गाऊं, ऑपरेशन सिंदूर का मैं इतिहास नहीं तो क्या गाऊं सहित वीर रस की कई कविताएं सुनाई। उन्होंने ऑपरेशन सिन्दूर सहित अनेक ज्वलंत विषयों पर अपनी ओजस्वी वाणी में रचनाएं प्रस्तुत कर श्रोताओं में जोश भर दिया। कार्यक्रम में वरिष्ठ कवि शिव तूफान ब्यावर, नवीन शर्मा बिजयनगर सहित कई अन्य अतिथि भी उपस्थित रहे। अंत में संस्थान सचिव डॉ. अविनाश दुबे ने अतिथियों, कवियों, श्रोतागणों एवं कार्यकर्ताओं का आभार जताया। तीन बजे तक चले इस कवि सम्मेलन में बड़ी संख्या में श्रोतागण मौजूद रहे।
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