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आरएसएस का संघ शिक्षा वर्ग संपन्न: सुनील आंबेकर ने ‘परम वैभव’ के लिए राष्ट्रव्यापी एकजुटता पर दिया जोर, बोले—संस्कृति की रक्षा में युवाओं की भूमिका महत्वपूर्ण

केकड़ी: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ चित्तौड़ प्रान्त के संघ शिक्षा वर्ग प्रथम वर्ष के समापन समारोह में मंचासीन अतिथि।

केकड़ी, 06 जून (आदित्य न्यूज नेटवर्क): राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा कि भारत को परम वैभव तक ले जाने के लिए पूरे देश को एकजुट होना पड़ेगा। जब तक समाज का हर वर्ग, हर व्यक्ति राष्ट्र हित को सर्वोपरि मानकर एक साथ खड़ा नहीं होगा, तब तक हम अपनी पूरी क्षमता का एहसास नहीं कर पाएंगे। आंबेकर शुक्रवार को अजमेर रोड स्थित पटेल आदर्श विद्या निकेतन विद्यालय में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ चित्तौड़ प्रान्त के 15 दिवसीय संघ शिक्षा वर्ग प्रथम वर्ष (महाविद्यालयीन विद्यार्थी) के समापन समारोह में बतौर मुख्यवक्ता बोल रहे थे।

राष्ट्रीय लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए मिलकर करें काम: उन्होंने कहा कि सभी नागरिक जाति, पंथ, भाषा और क्षेत्र के भेदों से ऊपर उठकर राष्ट्रीय लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए मिलकर काम करें। यह एकजुटता ही हमें वैश्विक मंच पर और अधिक शक्तिशाली बनाएगी। हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले और उसके बाद भारत द्वारा दी गई प्रतिक्रिया पर उन्होंने कहा कि इसने विश्व पटल पर भारत के गौरव को बढ़ाया है। भारत ने अपनी संप्रभुता और सुरक्षा को लेकर किसी भी प्रकार के समझौते से इनकार कर दिया।

केकड़ी: समापन समारोह को संबोधित करते राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख एवं मुख्य वक्ता सुनील आंबेकर।

राष्ट्रीय एकता व दृढ़ संकल्प का परिचायक: आंबेकर ने कहा कि भारत अपनी सीमाओं और नागरिकों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और यह विश्व में हमारी साख और सम्मान को बढ़ाता है। भारत के नेतृत्वकर्ताओं की यह प्रतिक्रिया न केवल आंतरिक सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण थी, बल्कि इसने वैश्विक समुदाय को भी भारत की दृढ़ता का संदेश दिया। राष्ट्रीय संकट की इस घड़ी में प्रत्येक राजनीतिक दल एक स्वर में भारत के साथ खड़ा है। यह राष्ट्रीय एकता और दृढ़ संकल्प का परिचायक है, जो बाहरी ताकतों के लिए स्पष्ट संदेश है।

युवा शक्ति का हो राष्ट्र के लिए उपयोग: सुनील आंबेकर ने कहा कि युवा शक्ति किसी भी राष्ट्र की सबसे बड़ी पूंजी होती है। युवाओं की ऊर्जा, नवाचार और उत्साह को सही दिशा देकर राष्ट्र के विकास व प्रगति के लिए उपयोग किया जाना चाहिए। यदि युवा सही मार्ग पर चले और राष्ट्र सेवा को अपना ध्येय बनाएं, तो भारत को परम वैभव तक पहुंचने से कोई नहीं रोक सकता। उन्होंने कहा कि युवाओं में राष्ट्रभक्ति, अनुशासन व सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना जगानी होगी ताकि वे सकारात्मक बदलाव के वाहक बन सके।

केकड़ी: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ चित्तौड़ प्रान्त के संघ शिक्षा वर्ग प्रथम वर्ष के समापन समारोह में ध्वज परिक्रमा लगाते स्वयंसेवक।

संयुक्त परिवार से बढ़ता है एकजुटता का भाव: सुनील आंबेकर ने कहा कि संयुक्त परिवार प्रणाली भारतीय संस्कृति की एक अनूठी विशेषता है और यह सामाजिक एकजुटता का आधार है। संयुक्त परिवार में पलने वाले बच्चे साझा मूल्य, त्याग व सहयोग की भावना सीखते है। जो समाज में एकजुटता का भाव बढ़ाती है। उन्होंने कहा कि आधुनिकता की दौड़ में एकल परिवारों के बढ़ते चलन से समाज में अलगाव और व्यक्तिवाद बढ़ रहा है, जिसे रोकने के लिए संयुक्त परिवार के महत्व को पुनः स्थापित करना आवश्यक है। यह परिवार की नींव को मजबूत कर राष्ट्र की एकता को भी बल प्रदान करता है।

जातिवाद के जहर से कमजोर हो रहा सामाजिक ताना बाना: जातिवाद के मुद्दे पर सुनील आंबेकर ने जातिवाद का जहर समाज को विभाजित कर रहा है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज भी कुछ लोग जाति के नाम पर समाज में वैमनस्य फैलाते है। जातिगत भेदभाव और छुआछूत जैसी कुरीतियां हमारे सामाजिक ताने-बाने को कमजोर करती है। उन्होंने सभी से आह्वान किया कि वे जातिगत भेदभाव को त्यागकर समरस समाज के निर्माण में योगदान दें, जहां प्रत्येक व्यक्ति को उसकी योग्यता और कर्म के आधार पर सम्मान मिले।

केकड़ी: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ चित्तौड़ प्रान्त के संघ शिक्षा वर्ग प्रथम वर्ष के समापन समारोह में मौजूद स्वयंसेवक।

संयुक्त परिवार समय की मांग: समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि एवं जैविक कृषक व संयुक्त बड़े परिवार के मुखिया छोटूलाल बागड़ी ने कहा कि संयुक्त परिवार सिर्फ एक रहने की व्यवस्था नहीं है, यह जीवन, समुदाय व समृद्धि का एक स्थिर मॉडल है। संयुक्त परिवार में जब हर कोई हाथ बंटाता है, तो सबसे भारी बोझ भी हल्का महसूस होता है। हमारे खेत इसलिए फलते-फूलते हैं क्योंकि कई हाथ मिलकर एक साथ काम करते है। एक साथ रहने से ज्ञान आसानी से साझा व संरक्षित होता है। इस मौके पर सर्वाधिकारी कैलाश गुर्जर, विभाग संघचालक मुकेश अग्रवाल एवं जिला संघचालक (अजयमेरु) गोविन्द नारायण जिंदल भी मंचासीन रहे। 

विभिन्न विधाओं का प्राप्त किया प्रशिक्षण: वर्ग कार्यवाह राधेश्याम पारेता ने अतिथियों का परिचय प्रस्तुत किया। उन्होंने शिविर प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए बताया कि पन्द्रह दिन तक चले संघ शिक्षा वर्ग के दौरान स्वयंसेवकों ने योगाभ्यास, शारीरिक दक्षता, मानसिक बल सहित अन्य विधाओं का प्रशिक्षण प्राप्त किया। साथ ही संगठन के प्रमुख विचारकों ने विभिन्न विषयों पर बौद्धिक देकर स्वयंसेवकों के ज्ञान में अभिवृद्धि की।

केकड़ी: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ चित्तौड़ प्रान्त के संघ शिक्षा वर्ग प्रथम वर्ष के समापन समारोह में मौजूद विधायक शत्रुघ्न गौतम एवं अन्य मेहमान।

ध्वज वंदना से हुई कार्यक्रम की शुरुआत: वर्ग में अजमेर, बारां, कोटा, भीलवाड़ा, झालावाड़, बूंदी, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, उदयपुर, राजसमन्द, प्रतापगढ़ एवं चित्तौडगढ़ जिले से आए 151 स्वयंसेवकों, 44 शिक्षकों व बौद्धिककर्ताओं एवं 50 प्रबंधकों ने भाग लिया। कार्यक्रम की शुरूआत ध्वजवंदना एवं ध्वज परिक्रमा से हुई। स्वयंसेवकों ने घोषवादन के साथ प्रदक्षिणा संचलन के तहत कदम से कदम मिलाते हुए भगवा ध्वज की परिक्रमा की।

स्वयंसेवकों ने किया अनुशासित प्रदर्शन: शुरुआत में स्वयंसेवकों ने दण्ड़, नि:युद्ध, व्यायाम, आत्मरक्षा, घोष वादन आदि का अनुशासित प्रदर्शन किया। इस मौके पर विधायक शत्रुघ्न गौतम, देवनारायण बोर्ड अध्यक्ष ओमप्रकाश भडाणा, भाजपा नेता राजेन्द्र विनायका, प्रधान होनहार सिंह राठौड़, भाजपा नेता मिथिलेश गौतम, सेवानिवृत्त अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जसवंत सिंह डोराई समेत अनेक भाजपा पदाधिकारी, कार्यकर्ता व प्रबुद्धजन मौजूद रहे।

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