केकड़ी, 16 जून (आदित्य न्यूज नेटवर्क): मीणों का नयागांव स्थित सुप्रसिद्ध धार्मिक स्थल देव दरबार में आयोजित नौ दिवसीय 111 कुंडीय श्री देवनारायण विष्णु महायज्ञ रविवार को पूर्णाहुति के साथ संपन्न हुआ। इस अवसर पर दूरदराज से आए सैंकड़ो साधु संतों सहित यज्ञ सम्राट महंत शंकर दास बापू की मौजूदगी में यज्ञ आचार्य पंडित वेद प्रकाश गौतम के निर्देशन में यज्ञ मंडप में बैठे 111 जोड़ों ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हवन कुंड में पूर्णाहुति दी तो समूचा प्रांगण देव दरबार की जय जयकार से गूंज उठा। पूर्णाहुति के बाद आयोजन समिति द्वारा महाप्रसादी का आयोजन किया गया तथा साधु-संतों को अंग वस्त्र देकर विदा किया गया।
यज्ञ से होती धन और वैभव की प्राप्ति यज्ञ में बैठे यजमानों को संबोधित करते हुए महंत शंकर दास बापू ने कहा कि यज्ञ से धन वैभव और सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है और पर्यावरण शुद्ध होता है। भगवान राम का जन्म भी यज्ञ से ही हुआ था। यज्ञ से दैवीय शक्तियां बलवान होती हैं। जिस प्रकार अग्नि में तपाये जाने पर सोने की कलुषता मिटती है, उसी प्रकार यज्ञ दर्शन करने से मनुष्य उत्कृष्टता को प्राप्त करता है। प्राचीनकाल में जहां यज्ञ हुए वहीं तीर्थ बने। अंतिम दिन यज्ञ मंडप की परिक्रमा करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। परिक्रमा करने में प्रधान कुंड की बोली लेने वाले नयागांव मीणा का निवासी ठेकेदार कैलाश चंद मीणा सबसे आगे रहे।

सनातन धर्म के प्रति जागरूकता पैदा करने में अहम साबित होगा आयोजन यज्ञ के विधिवत समापन के बाद विशाल भंडारे का आयोजन किया गया जिसमें हजारों लोगों ने महाप्रसाद ग्रहण किया। आयोजन समिति के अध्यक्ष रामकुमार मीणा एवं सचिव सरपंच रामप्रसाद मीणा ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में पहली बार इतना बड़ा आयोजन हुआ है। श्री विष्णु महायज्ञ सहित भागवत कथा ज्ञान महायज्ञ का भव्य आयोजन सफलता के शीर्ष पर पहुंचकर धर्म संस्कृति एवं संस्कारों सहित सनातन धर्म के प्रति लोगों में जागरूकता उत्पन्न करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।
आयोजन समिति ने जताया आभार आयोजन समिति ने इस आयोजन के लिए शक्करगढ़ से पधारे महामंडलेश्वर आचार्य स्वामी जगदीश पुरी महाराज का भी आभार जताते हुए कहा कि भागवत कथा महायज्ञ के दौरान जिस तरह से स्वामी जी ने भागवत कथा के गूढ़ रहस्यों को अत्यंत सहजता और सरलता से विभिन्न शिक्षाप्रद प्रसंगो के जरिए ग्रामीण जन मानस में स्थापित करने का प्रयास किया है वह स्तुत्य है। आयोजन समिति ने इस भव्य आयोजन को सफल बनाने में भामाशाहों एवं दानदाताओं के सहयोग के प्रति भी आभार जताया है।