केकड़ी, 28 मार्च (आदित्य न्यूज नेटवर्क): बघेरा की जामा मस्जिद में मुस्लिम समाज द्वारा रमजान के आखिरी जुम्मे के दिन अलविदा जुम्मे की नमाज अदा कर देश में अमन चैन की दुआएं मांगी गई। इससे पूर्व लयलतूल कद्र की रात में मुस्लिम समाज द्वारा मस्जिद को आकर्षक साज सज्जा से सजाया गया। रात्रि में पूरी रात विशेष इबादत भी की गई। सत्ताइसवीं शब पर तरावीह की नमाज के दौरान कुरान मुकम्मल होने पर मस्जिद के पेश इमाम गुलजार अहमद एवं तरावीह पढ़ाने वाले हाफिज तजम्मुल का दस्तारबंदी कर माल्यार्पण कर मुस्लिम समाज ने स्वागत किया साथ ही नगद राशि के इनाम इकरार से नवाजा गया।

बताया इबादत का महत्व स्वागत कार्यक्रम के बाद सभी लोगों ने कुरान की तिलावत कर पूरी रात गुजारी, अंत में जामा मस्जिद के पेश इमाम गुलजार अहमद ने रमजान के महीने की फजीलत के साथ सत्ताइसवी शब की रात में इबादत का महत्व बताया। उन्होंने बताया कि यह रात अफजल रात होती है। इस रात में विशेष इबादत कर हम अपने गुनाहों से माफी मांग सकते है। साथ ही इस रात में इबादत का विशेष लाभ मिलता है।

ये रहे मौजूद कार्यक्रम के दौरान सदर शहाबुद्दीन बिसायती, महबूब मास्टर देशवाली, निसार देशवाली, सिकंदर सिलावट, महबूब मंसूरी, जाकिर नीलगर, नूर मोहम्मद, मंजूर खान, मोहम्मद यासीन मास्टर, बाबू खान नीलगर, मोहम्मद हफीज, रज्जाक मंसूरी, इंसाफ देशवाली, अहमद खान, इमरान, मुंशी नीलगर, जुनेद सिलावट, अल्ताफ शाह, लतीफ मोहम्मद,अनारदीन सहित मुस्लिम समाज के सैकड़ों लोग मौजूद रहे।
