केकड़ी, 25 जुलाई (आदित्य न्यूज नेटवर्क): अजमेर की पॉक्सो कोर्ट संख्या—01 ने नाबालिग से दुराचार के आरोपी को 20 साल की सजा से दण्डित करने के आदेश दिए है। न्यायालय ने आरोपी पर 48 हजार का जुर्माना भी लगाया है। जज ने टिप्पणी करते हुए कहा कि आरोपी के प्रति नरमी का रुख नहीं अपनाया जा सकता है। पॉक्सो कोर्ट संख्या— 01 के विशिष्ट लोक अभियोजक रूपेंद्र परिहार ने बताया कि पीड़िता के परिवार ने सरवाड़ थाने में शिकायत दी थी कि 11 मार्च 2023 को धूलंडी के दूसरे दिन उनकी नाबालिग बच्ची अचानक गायब हो गई। जिसकी तलाश की गई लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला। गांव के लोगों ने बताया कि प्रधान नाम का व्यक्ति उसे लेकर गया है।
पुलिस ने होटल से किया दस्तयाब पीड़िता के परिवार ने शक के आधार पर सरवाड़ थाने में रिपोर्ट दी। जिस पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर नाबालिग की तलाश शुरु की। पुलिस ने नाबालिग को एक होटल से दस्तयाब कर 161 और 164 के बयान करवाए। पीड़िता ने अपने बयानों में बताया कि आरोपी उसके गांव में आता-जाता था। मोबाइल पर उससे बातचीत होती रहती थी। धुलंडी के दूसरे दिन आरोपी ने उसे रात्रि में घर के बाहर बुलाया और मोटरसाइकिल पर बैठाकर अपने साथ ले गया। जहां अलग-अलग होटल में उसके साथ रेप किया। जांच के दौरान डीएनए-एफएसएल की रिपोर्ट में पीड़िता के साथ रेप की पुष्टि हुई थी।

जांच में हुई रेप की पुष्टि गुरुवार को पॉक्सो कोर्ट 1 में सुनवाई हुई। अभियोजन पक्ष की ओर से 20 गवाह और 39 दस्तावेज पेश किए गए। न्यायालय ने डीएनए-एफएसएल रिपोर्ट में रेप की पुष्टि होने पर आरोपी प्रधान को 20 साल की सजा सुनाई। साथ ही 48 हजार का आर्थिक दंड भी लगाया। न्यायालय ने पीड़िता को 6 लाख पीड़ित प्रतिकर स्कीम के तहत दिलवाने के आदेश दिए हैं। न्यायाधीश ने टिप्पणी करते हुए कहा कि 13 वर्ष के कम आयु की बालिका को आरोपी उसके माता-पिता कि बिना सहमति के बहला-फुसलाकर ले गया और उसके साथ रेप किया। इसे देखते हुए अपराधी के प्रति नरमी का रुख नहीं अपनाया जा सकता।