Saturday, November 15, 2025
Homeदेशअंतरराष्ट्रीय निरंकारी संत समागम में गूंजा 'आत्ममंथन' का संदेश, सतगुरु माता ने...

अंतरराष्ट्रीय निरंकारी संत समागम में गूंजा ‘आत्ममंथन’ का संदेश, सतगुरु माता ने दिया शांति व दिव्यता का उपदेश

केकड़ी, 06 नवम्बर (आदित्य न्यूज नेटवर्क): संत निरंकारी मिशन का 78वां अन्तरराष्ट्रीय संत समागम 31 अक्टूबर 2025 से 3 नवंबर 2025 तक गन्नौर-समालखां के मध्य जीटी रोड स्थित संत निरंकारी आध्यात्मिक स्थल पर आयोजित हुआ। ‘आत्ममंथन’ के दिव्य विषय पर केंद्रित इस समागम में देश-विदेश के लाखों श्रद्धालुओं ने भाग लिया, जिसमें केकड़ी क्षेत्र के भी लगभग 500 श्रद्धालु शामिल हुए। केकड़ी ब्रांच प्रमुख अशोक रंगवानी ने बताया कि समागम के दौरान सतगुरु माता सुदीक्षा जी सहित अन्य प्रमुख वक्ताओं ने संगत को दिव्य आशीष प्रदान किया। समागम का मुख्य उद्देश्य जीवन के मूल्यों पर ‘आत्ममंथन’ करना था।

केकड़ी: निरंकारी मिशन के अन्तरराष्ट्रीय संत समागम में सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करते कलाकार।

आत्ममंथन से मिलेगी शांति: समागम के दौरान भाईचारा, प्यार, नम्रता, सहनशीलता और अमन-चैन जैसे महत्वपूर्ण मानवीय मूल्यों पर गहन विचार और व्याख्यान प्रस्तुत किए गए। सतगुरु माता सुदीक्षा ने संदेश दिया कि सद्गुरु के बताए मार्ग पर चलकर ही मानव जीवन में शांति व दिव्यता स्थापित हो सकती है। उन्होंने कहा कि मन को परेशान करने वाले अनेक कारण व विचार आते रहते है। परन्तु उनकी अनदेखी करने की कला हमें आत्ममंथन से ही प्राप्त होती है। ऐसा करने से जीवन की कठिन घड़ियों को सीमित करके हम तनाव से मुक्त रह सकते है।

केकड़ी: निरंकारी मिशन के अन्तरराष्ट्रीय संत समागम में सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करते कलाकार।

चार दिन चला कवि दरबार: केकड़ी ब्रांच के मीडिया सहायक रामचंद्र टहलानी ने जानकारी दी कि इस वर्ष समागम का एक मुख्य आकर्षण लगातार चार दिन तक आयोजित किया गया कवि दरबार रहा। इसमे बाल कवि, महिला कवयित्री व पुरुष कवियों सहित कुल 38 कवियों ने भाग लिया। कवियों ने हिंदी, पंजाबी, अंग्रेजी, हरियाणवी, मुलतानी, मराठी व उर्दू जैसी विविध भाषाओं में अपनी रचनाएं प्रस्तुत की। कवि दरबार की इन बहुभाषी प्रस्तुतियों ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। समागम में भारत के कोने-कोने से श्रद्धालुओं के साथ-साथ विदेशों से आए भक्तों ने भी भाग लिया।

RELATED ARTICLES