केकड़ी, 10 जून (आदित्य न्यूज नेटवर्क): नानेश पट्टधर, जैनाचार्य विजयराज जी म.सा. की आज्ञानुवर्तिनी नवदीक्षिता संथारा साधिका महासती मंगलप्रिया जी म. सा. का सोमवार देर रात को महाप्रयाण हो गया। साध्वीजी के निधन का समाचार मिलते ही जैन समाज में शोक की लहर दौड़ गई। मंगलवार सुबह उनकी महाप्रयाण यात्रा सब्जी मंडी स्थित स्थानक भवन से शुरू हुई, जो सदर बाजार, घण्टाघर, देवगांव गेट होते हुए मुक्ति स्थल पहुंच कर सम्पन्न हुई। यहां साध्वी मंगलप्रिया श्रीजी म.सा. के सांसारिक पुत्रों ने उनकी पार्थिव देह को मुखाग्नि दी। दोपहर बाद स्थानक भवन में संत कौशल मुनि आदि ठाणा 3 एवं महासती राजश्री आदि ठाणा 5 के पावन सानिध्य में गुणानुवाद सभा का आयोजन किया गया। वक्ताओं ने साध्वी मंगलप्रिया के जीवन दर्शन पर प्रकाश डाला।
गूंजता रहा णमोकार महामंत्र का जाप: महाप्रयाण यात्रा से पहले समाज के लोगों ने स्थानक भवन में साध्वी मंगलप्रिया की पार्थिव देह के दर्शन किए। साध्वीजी की पार्थिव देह को बैकुण्ठी में रखने तक स्थानक भवन में णमोकार महामंत्र का जाप गूंजता रहा। सुबह 8 बजे उनकी महाप्रयाण यात्रा शुरु हुई। बैकुण्ठी में विराजित साध्वी मंगलप्रिया की एक झलक पाने के लिए श्रावक—श्राविकाओं में मानो होड़ मच गई। सभी धर्मो के लोग साध्वीजी के दर्शन को आतुर दिखे। समाज के लोग जैन धर्म के जयकारे लगाते चल रहे थे।
श्रद्धापूर्वक दी अंतिम विदाई: इस दौरान युवा वर्ग में जोरदार जोश नजर आया। शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए महाप्रयाण यात्रा देवगांव गेट बाहर स्थित मुक्ति धाम पहुंची। जहां णमोकार महामंत्र की गूंज के बीच साध्वी मंगलप्रिया के सांसारिक पुत्र विमल कुमार, महेन्द्र कुमार, नवरतन मल नौलखा निवासी जगपुरा (भीलवाड़ा) हाल सूरत ने उन्हें मुखाग्नि दी। इस मौके पर सकल ओसवाल समाज के सैंकड़ों श्रावक—श्राविकाओं ने साध्वीजी को श्रद्धापूर्वक अंतिम विदाई दी। महाप्रयाण यात्रा के दौरान ओसवाल जैन समाज के अधिकतर प्रतिष्ठान बंद रहे।
ये रहे मौजूद: इस दौरान संघ अध्यक्ष अशोक लोढ़ा, मंत्री रिखब सोनी, पूर्व अध्यक्ष शांतिलाल विनायका, अरविंद नाहटा, प्रकाशचन्द नाहटा, राजेन्द्र विनायका, सुशील कर्णावट, नरेंद्र कोठारी, रिखबचन्द सांखला, सुशील मेड़तवाल, प्रदीप लोढ़ा, चन्द्रमोहन चौधरी, शीतल लोढ़ा, नरेन्द्र मेड़तवाल, ज्ञानचन्द बोरदिया, मनीष लोढ़ा, विनोद बोरदिया, मनोज लोढ़ा, नरेन्द्र लोढ़ा, प्रकाश चन्द गोखरू, सुरेन्द्र लोढ़ा, गौतम चन्द बग्गानी, जितेंद्र सिंघवी, नीरज लोढ़ा, सुभाष चौरड़िया, उमराव मल मेड़तवाल, कुशल चौरड़िया, अमित धूपिया, शांतिलाल चौरड़िया, गौतम चन्द रूपावत, नवीन ताथेड़, निहालचन्द मेड़तवाल, रिखब धम्माणी, खेमचन्द ताथेड़ सहित ब्यावर, बिजयनगर, सरवाड़, सूरत, चितौड़गढ़ सहित अनेक स्थानों के श्रद्धालु मौजूद रहे।
दो पुत्रियों ने भी ले रखी है दीक्षा: श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ केकड़ी के अध्यक्ष अशोक लोढ़ा ने बताया कि दिवंगत साध्वी मंगलप्रिया जी म.सा. केकड़ी में विराजित महासती शील प्रभा जी म.सा. (दीक्षा 1992) एवं महासती सत्य प्रभा जी म.सा. (दीक्षा 1998) की सांसारिक माताजी है। इनका दीक्षा पूर्व का नाम उगम बाई नौलखा (उम्र 92 वर्ष) (धर्म सहायक: स्मृति शेष श्री फतहलाल जी नौलखा) है। इन्होंने पिछले कई समय से दीक्षा लेने का सपना संजो रखा था। आचार्यश्री से आज्ञा मिलने पर गत 3 जून को केकड़ी में बेहद सादगीपूर्ण कार्यक्रम में महासती श्री राजश्री जी म.सा. ने उनकी दीक्षा विधि सम्पन्न कराई थी। दीक्षा के बाद उनका नया नाम महासती श्री मंगलप्रिया जी म.सा. प्रदान किया गया था।
6 जून को लिए थे संथारा के प्रत्याख्यान: संयम धारण करने के बाद से ही नवदीक्षिता महासती श्री मंगलप्रिया जी चौविहार उपवास करते हुए पूरे समाधि भावों के साथ साधना में लीन थी। दीक्षा ग्रहण करने के तीन दिन बाद 6 जून को महासती राजश्री जी म.सा. ने महासती मंगलप्रिया जी को संथारा के प्रत्याख्यान करवाए थे। साध्वीजी के संथारे की खबर लगने के बाद से ही जैन स्थानक में उनके दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ था। इस दौरान उदयपुर, सूरत, ब्यावर, हुरडा, सारोठ, खरवा, बिजयनगर, सरवाड़ सहित अनेक स्थानों के श्रद्धालु श्रावक—श्राविकाओं ने केकड़ी पहुंचकर महासतीजी के दर्शन वंदन किए तथा सुख शाता पूछी।