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नवनिर्मित रामस्नेही वाटिका का हुआ भव्य लोकार्पण, रामदयाल महाराज ने दिया गुरु भक्ति का संदेश

केकड़ी: धर्मसभा में प्रवचन करते स्वामी रामदयाल महाराज।

केकड़ी, 14 जून (आदित्य न्यूज नेटवर्क): अंतर्राष्ट्रीय रामस्नेही संप्रदाय के प्रधान पीठाधीश्वर अनंत विभूषित जगद्गुरु स्वामी रामदयाल महाराज के पावन कर-कमलों व केकड़ी विधायक शत्रुघ्न गौतम के मुख्य आतिथ्य में शुक्रवार शाम को पुरानी केकड़ी स्थित सूरजपोल गेट के बाहर नवनिर्मित रामस्नेही वाटिका का भव्य लोकार्पण किया गया। इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने आचार्यश्री के मंगल प्रवेश पर पलक-पांवड़े बिछा दिए। जयकारों के साथ महाराज की पधारावणी की गई। इस दौरान पूरा परिसर राम नाम के जयकारों से गूंज उठा।

गाजे-बाजे के साथ निकाला जुलूस: आचार्य रामदयाल के आगमन पर पथवारी से गाजे-बाजे के साथ भव्य मंगल प्रवेश जुलूस निकाला गया। आचार्यश्री ने फीता खोलकर रामस्नेही वाटिका का लोकार्पण किया। इस दौरान विधायक गौतम के साथ आचार्य रामदयाल महाराज व संत जगबल्लभ राम सहित अन्य संतगणों ने वाटिका का अवलोकन किया। इस अवसर पर विधायक शत्रुघ्न गौतम ने अपने संबोधन में कहा कि शहर में इस तरह के धार्मिक आयोजन होते रहने चाहिए, क्योंकि इनसे हमें सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है और ऐसे आयोजन सनातन धर्म को मजबूत करते हैं।

केकड़ी: रामस्नेही वाटिका का अवलोकन करते विधायक शत्रुघ्न गौतम एवं संत जगबल्लभ राम।

गुरु शरण और प्रभु सुमिरन से होता है उद्धार: धर्मसभा को संबोधित करते हुए आचार्य रामदयाल महाराज ने कहा कि मनुष्य का शरीर अनेकों विकारों से भरा हुआ है। इन विकारों को दूर करने के लिए गुरु के चरणों में शीश रखना और उनकी शरणागति लेना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि महापुरुषों ने गुरु परंपरा चलाई है, जिसके आधार पर गुरु महाराज शिष्यों के कल्याण हेतु उन्हें उपदेश और सद्बुद्धि देते आए हैं। जिन शिष्यों ने गुरु के उपदेशों का पालन किया है, उनका उद्धार हुआ है और उनकी नैया पार हुई है। महाराज ने जोर देते हुए कहा कि जिस तरह परमात्मा हमारी एक-एक सांस को चला रहा है, हमें भी हर क्षण ईश्वर का नाम सुमिरन करते रहना चाहिए, क्योंकि प्रभु नाम सुमिरन से ही हमें सद्गति मिलती है।

एक करोड़ की लागत से बनी रामस्नेही वाटिका: रामद्वारा सत्संग सेवा समिति के आनंदीराम सोमानी ने बताया कि रामस्नेही वाटिका का निर्माण एक करोड़ रुपए की लागत से किया गया है। इसमें धर्मसभा व धार्मिक आयोजनों एवं आमजन के व्यक्तिगत आयोजनों के लिए 60 गुणा 90 फीट का विशाल डोम बनाया गया है। वाटिका में आधुनिक सुविधाओं से युक्त 40 गुणा 60 फीट का रसोई घर, महिला-पुरुषों के लिए अलग-अलग शौचालय, शुद्ध पानी की सुविधा व आवास के लिए कमरे भी निर्मित किए गए हैं। समिति का मानना है कि यह वाटिका शहर के नागरिकों के लिए किसी भी आयोजन को संपन्न कराने में मील का पत्थर साबित होगी।

केकड़ी: धर्मसभा में मौजूद महिला श्रद्धालु।

इन्होंने दी सेवाएं: आयोजन को सफल बनाने में शंकर माली, रामजस माली, तुलसीदास विजय, रामस्वरूप माली, श्याम सुंदर, गंगाराम माली, शंकर पेंटर, बरदा माली, शोभागमल, भगवान शाक्य, रामावतार माली, मोनू माली, राजू माली, कैलाश विजय, राजेंद्र विजय, कालू माली, भूरा, गंगाराम माली एवं महिला मंडल की गीता देवी, सुशीला देवी, भोली बाई, मीरा देवी, मैना देवी, पिंकी, सरिता, सुमन, सरोज, सोनिया, लाड बाई, निर्मला, मानी बाई, सूरज बाई, आशा आदि ने सेवाएं दी। कार्यक्रम का संचालन अंतरराष्ट्रीय कवि बुद्धि प्रकाश दाधीच ने किया।

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