केकड़ी, 07 जून (आदित्य न्यूज नेटवर्क): केकड़ी में चार दिन पहले जैन भगवती दीक्षा ग्रहण करने वाली नवदीक्षिता महासती मंगलप्रिया जी म.सा. का चौवीहार संथारा (मृत्यु तक उपवास) लगातार दूसरे दिन भी जारी है। श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ केकड़ी के अध्यक्ष अशोक लोढ़ा ने बताया कि शुक्रवार दोपहर लगभग 3:05 बजे जैन आचार्य विजयराज जी म.सा. की सुशिष्या महासती राजश्री जी म.सा. ने महासती मंगलप्रिया जी को संथारा के प्रत्याख्यान करवाए है। जैसे ही साध्वी जी को संथारा के प्रत्याख्यान कराए गए, समूचा स्थानक परिसर “अनुमोदना, अनुमोदना” के स्वर से गूंज उठा।
92 वर्ष की आयु में ग्रहण किया संयम: संघ मंत्री रिखब सोनी ने बताया कि 92 वर्षीय साध्वी जी ने 4 दिन पहले ही संयम मार्ग अंगीकार किया है। संयम धारण करने के बाद नवदीक्षिता महासती श्री मंगलप्रिया जी पूरे समाधि भावों के साथ साधना में जुटी हुई है। वे श्रद्धालु श्रावक-श्राविकाओं को धर्म संदेश देते हुए मांगलिक प्रदान कर रही है। संथारे की खबर सुनते ही आसपास के अनेक श्रावक-श्राविकाओं ने केकड़ी पहुंचकर साध्वीजी की कुशलक्षेम पूछी। स्थानक परिसर में “अरिहंते शरणम् पवज्जामी” सहित चार शरण का पाठ किया जा रहा है।
दिगंबर जैनाचार्य ने ली स्वास्थ्य की जानकारी: शुक्रवार को केकड़ी में प्रवास कर रहे दिगंबर जैन आचार्य श्री इंद्रनंदी जी महाराज ने अपने संत मंडल श्री निर्भयनंद मुनि व श्री उत्कृष्ट मुनि के साथ स्थानक भवन में आकर संथारा साधिका साध्वी श्री मंगलप्रिया जी की कुशलक्षेम पूछी एवं उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली। साथ ही उन्हें दिव्य मांगलिक प्रदान किया। गौरतलब है कि नवदीक्षिता साध्वी मंगलप्रिया श्री जी म.सा. केकड़ी में विराजित महासती शील प्रभा जी म.सा. (दीक्षा 1992) एवं महासती सत्य प्रभा जी म.सा. (दीक्षा 1998) की सांसारिक माताजी है।