केकड़ी, 07 दिसंबर (आदित्य न्यूज नेटवर्क): यहां अजमेर रोड स्थित शास्त्री नगर निवासी सोमानी परिवार ने एक बार फिर से मानवीय पहल करते हुए मरणोपरांत नेत्रदान कर मिसाल पेश की है। बढ़ते कदम गौशाला संस्थान के व्यवस्था प्रमुख आनंदीराम सोमानी व व्यवसायी हरिराम सोमानी की माता भंवरी देवी सोमानी का शनिवार रात 11:30 बजे आकस्मिक निधन हो गया। परिवार ने दुख की घड़ी में भी दिवंगत भंवरी देवी की अंतिम इच्छा का सम्मान किया कि उनकी आंखों से दो लोगों को रोशनी मिले। परिवार की इस प्रेरणा व तत्परता के चलते मृत्यु के तीन घंटे के भीतर ही नेत्रदान की प्रक्रिया पूरी की गई। परिवार ने तुरंत अजमेर के नेत्र विभाग से संपर्क किया। सूचना मिलने पर डॉ. भरत कुमार शर्मा व कुलदीप सिंह केकड़ी स्थित सोमानी के आवास पर पहुंचे।

परिवार की दूसरी पहल: डॉ. भरत शर्मा ने नेत्रदान से संबंधित आवश्यक दस्तावेजी प्रक्रिया पूरी होने के बाद घर पर ही ऑपरेशन कर दोनों आंखें सफलता पूर्वक प्राप्त की। वर्तमान में दोनों आंखें आई बैंक अजमेर में सुरक्षित रखी गई है। जिससे अब दो जरूरतमंद व्यक्तियों की आंखों को नई रोशनी मिल सकेगी। सोमानी परिवार की यह पहल इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह दूसरी बार का नेत्रदान है। इससे पहले परिवार ने तीन साल पहले अपने पिता स्वर्गीय शिवजीराम सोमानी की आंखें भी दान की थी, जिससे दो व्यक्तियों की आंखों को रोशनी मिली थी। नेत्रदान के समय बढ़ते कदम गौशाला के सदस्य अमित गर्ग, कैलाश जैन, बद्री बसेर, नन्द किशोर राठी सहित परिवार के सदस्य उपस्थित रहे।

भ्रांतियों को दूर करने की आवश्यकता: अजमेर आई बैंक सोसायटी के प्रभारी डॉ. भरत कुमार शर्मा ने बताया कि इंसान की मृत्यु के 6 से 8 घंटे के भीतर नेत्रदान का प्रोसेस पूरा करना होता है। अक्सर लोगों को यह भ्रांति रहती है कि नेत्रदान की प्रक्रिया में मृतक की आंखे निकाल लेने से गड्ढे हो जाते है। मगर यह सही नहीं है। नेत्रदान की प्रक्रिया में सिर्फ आंखों का कार्निया निकाला जाता है, इसके साथ ही कृत्रिम आंख लगाई जाती है। जिससे गड्ढा नहीं होता। नेत्रदान में प्राप्त कार्निया को 4 दिन में प्रत्यारोपित किया जाता है।
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