Thursday, June 5, 2025
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सहकारी समितियों के व्यवस्थापकों व सहायक व्यवस्थापकों का धरना-प्रदर्शन जारी, मुख्यमंत्री के नाम लिखा ज्ञापन सौंपकर दी चेतावनी

केकड़ी, 03 जून (आदित्य न्यूज नेटवर्क): अजमेर सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, शाखा केकड़ी के अधीन आने वाली सहकारी समितियों के व्यवस्थापक व सहायक व्यवस्थापक अपनी लंबित मांगों को लेकर पिछले चार दिनों से समिति के कार्यों का बहिष्कार कर रहे हैं। बैंक प्रशासन द्वारा मांगों का निस्तारण नहीं किए जाने से आक्रोशित कर्मचारियों ने मंगलवार को अतिरिक्त जिला कलक्टर को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नाम लिखा एक ज्ञापन सौंपा। इस दौरान सभी 32 ग्राम सेवा सहकारी समितियों के व्यवस्थापक, सहायक व्यवस्थापक व सेल्समेन मौजूद रहे।

ऋण वितरण कार्य होगा प्रभावित: कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाएंगी, तब तक कार्य बहिष्कार जारी रहेगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आगामी फसल बुवाई का समय नजदीक आ रहा है और केंद्र व राज्य सरकार की बिना ब्याज फसल ऋण वितरण योजना का कार्य भी इस बहिष्कार से प्रभावित होगा। जिसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन व सरकार की होगी। कर्मचारियों ने स्पष्ट किया है कि जब तक उनकी जायज मांगों पर ध्यान नहीं दिया जाता, वे अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे, जिससे किसानों को मिलने वाले ऋण वितरण और अन्य महत्वपूर्ण कार्यों में बाधा आ सकती है।

क्या है प्रमुख मांगे:—

तत्काल स्क्रीनिंग: 2017 के बाद से लंबित स्क्रीनिंग प्रक्रिया तुरंत शुरू की जाए, जैसा कि अन्य जिलों में 2022 में हुआ था। बैंक द्वारा दिए गए आश्वासन के डेढ़ महीने बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई है।

सभी सहायक व्यवस्थापकों की स्क्रीनिंग: बैंक प्रशासन द्वारा केवल वरिष्ठ व्यवस्थापकों से वार्ता कर अस्थायी चार्ज देने की बजाय सभी सहायक व्यवस्थापक व सेल्समेन की स्क्रीनिंग करवाई जाए।

आश्वासनों का पालन: बैंक प्रबंधक निदेशक द्वारा पूर्व में दिए गए स्क्रीनिंग संबंधी आश्वासनों का जल्द से जल्द पालन किया जाए।

अनावश्यक नए कार्य आदेश बंद हों: समिति कर्मचारियों पर लगातार जारी किए जा रहे नए कार्य आदेशों पर रोक लगाई जाए, क्योंकि इनसे नियमित कार्य बाधित हो रहे है।

पैक्स कम्प्यूटराइजेशन का प्रशिक्षण: कर्मचारियों को पैक्स कम्प्यूटराइजेशन की पूरी जानकारी और प्रशिक्षण दिया जाए।

आर.जी.एच.एस. सुविधा: सहकारी समिति कर्मचारियों को आर.जी.एच.एस. (राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम) का लाभ दिया जाए।

ब्याज का अलग खाता: ऋण में ब्याज को मूलधन में जोड़ने के बजाय, ब्याज का अलग खाता खोला जाए।

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