केकड़ी, 26 दिसम्बर (आदित्य न्यूज नेटवर्क): जिला रेडक्रॉस सोसायटी केकड़ी एवं आयुर्वेद विभाग राजस्थान के संयुक्त तत्वावधान में केकड़ी में आयोजित दस दिवसीय निशुल्क आयुर्वेद शल्य चिकित्सा शिविर गुरुवार को सम्पन्न हुआ। यह शिविर असाध्य व जटिल रोगों से पीड़ित मरीजों के लिए सार्थक साबित हुआ। शिविर में फिशर, फिस्टुला, पाइल्स, कीलों, मस्सों सहित घुटने, कंधे, कमरदर्द व सीआरटी के दर्द आदि गम्भीर शारीरिक समस्याओं से जूझ रहे सैकड़ों मरीजों की कुशल चिकित्सकों द्वारा आयुर्वेद की प्राचीन क्षार सूत्र व पंचकर्म चिकित्सा पद्धति से सफल चिकित्सा की गई। उपचार की प्रक्रिया में आयुर्वेद न्यूरो थेरैपी व कपिंग क्रिया का भी प्रयोग किया गया।

विधायक की अनुशंसा पर लगाया शिविर यह शिविर सरकार के एक साल का कार्यकाल पूर्ण होने के उपलक्ष में केकड़ी के विधायक शत्रुघ्न गौतम की अनुशंसा पर लगाया गया था। यहां अजमेरी गेट के समीप संचालित राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय के प्रांगण में लगाए गए इस शिविर में बड़ी संख्या में ऐसे मरीज लाभान्वित हुए, जो हाथ-पैरों व कंधों-घुटनो में जकड़न व जॉइंट खराब हो जाने की वजह से न तो चल-फिर पा रहे थे और न ही हाथों से कोई काम कर पा रहे थे। इनके अलावा शिविर में उदर, शिरो, यकृत, स्त्रीरोग, गठिया, बाय, शूल संधि, हृदयरोग आदि कई बीमारियों का भी इलाज किया गया। शिविर में इलाज कराने के लिए केकड़ी क्षेत्र के अलावा भीलवाड़ा, मालपुरा, देवली, किशनगढ़, अजमेर, टोंक, शाहपुरा आदि दूर दूर के स्थानों से मरीज आए।
इतने जने हुए लाभान्वित शिविर प्रभारी डॉ धर्मचंद नापित एवं सह प्रभारी कमलेश कुम्हार ने बताया कि शिविर में कुल 1511 मरीजों की जांच की गई। इनमें से 103 मरीजों को भर्ती किया गया। भर्ती मरीजों में से 75 मरीजों की शल्य चिकित्सा की गई, जबकि 6 मरीजों को रेफर किया गया। इनके अलावा भर्ती 22 रोगियों की प्रतिदिन थेरेपी की गई। शिविर के दौरान 113 मरीजों की लेबोरेट्री जांच की गई। शिविर में वातरोग से पीड़ित 250 मरीज आयुर्वेद न्यूरो थेरेपी से लाभान्वित हुए। उन्होनें बताया कि शिविर में अग्निकर्म चिकित्सा द्वारा 21 मरीजों को कीलों व मस्सों से निजात दिलाई गई। शिविर में 350 जनों को योगाभ्यास कराया गया तथा 1490 लोगों को मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए जड़ी-बूटियों से बना आयुर्वेदिक काढ़ा पिलाया गया।

इन्होंने दी सेवाएं रेडक्रॉस सोसायटी के सचिव निरंजन तोषनीवाल ने बताया कि शिविर में क्षार सूत्र चिकित्सा पद्धति के विशेषज्ञ डॉ विनीत जैन, डॉ श्याम सुंदर स्वर्णकार, डॉ सुनील कुमार, डॉ रंजना जैन, वात रोग विशेषज्ञ डॉ अंजु कटारे, स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ ललिता कुमारी एवं आयुर्वेद विभाग की टीम ने मरीजों का उपचार किया। शिविर संयोजक महेंद्र प्रधान ने बताया कि इस दस दिवसीय शिविर के अंतर्गत सभी रोगियों की शल्य चिकित्सा व उन्हें दवाइयां, भोजन व आवास की सुविधा निशुल्क उपलब्ध कराई गई।
ये रहे समापन समारोह के अतिथि गुरुवार को दोपहर में क्षेत्रीय विधायक शत्रुघ्न गौतम के मुख्य आतिथ्य में शिविर का समारोहपूर्वक समापन किया गया। समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में आयुर्वेद विभाग के उप निदेशक हनुमान मीणा व बढ़ते कदम गौशाला संस्थान के अध्यक्ष अशोक पारीक मौजूद रहे। समारोह में सोसायटी के वाइस चेयरमैन मुकेश नुहाल एवं संरक्षक गोपाल लाल वर्मा व अमित गर्ग भी अतिथि के रूप में मौजूद थे। समारोह के प्रारंभ में अतिथियों ने भगवान धन्वंतरि के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलन किया। उप निदेशक हनुमान मीणा ने शिविर का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।

आयुर्वेद प्राचीन चिकित्सा पद्धति समारोह को संबोधित करते हुए विधायक शत्रुघ्न गौतम ने कहा कि आयुर्वेद ऋषि मुनियों द्वारा प्रणीत अत्यंत प्राचीन चिकित्सा पद्धति है, जो असाध्य व जटिल बीमारियों में पूर्ण रूप से कारगर है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आयुर्वेद को समूचे विश्व में प्रतिष्ठित करने का कार्य कर रहे हैं। आयुर्वेद के प्रति लोगों का रुझान बढ़ें, इसके लिए हम सबके द्वारा अनवरत प्रयास किये जाने चाहिए। इस अवसर पर उन्होनें केकड़ी क्षेत्र के करीब तीन दर्जन आयुर्वेद चिकित्सालयों के उन्नयन के लिए विधायक कोष से दो सालों में 30 लाख रुपए प्रदान करने की घोषणा की।

रोगियों ने साझा किए अनुभव इस मौके पर शिविर में लाभान्वित हुए महावीर सिंह भाटी, लालीदेवी व अशोक जैन ने अपने अनुभव साझा किए तथा चिकित्सकों व आयोजकों की सराहना की। समारोह के प्रारम्भ में अतिथियों का दुपट्टा ओढ़ाकर व स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत किया गया।समारोह के दौरान शिविर में महत्त्वपूर्ण योगदान देने के लिए चिकित्सक दल के सदस्यों व स्वयंसेवकों का सम्मान किया गया। शिविर का संयोजन महेंद्र प्रधान, अमित गर्ग व आनंद सोमाणी ने किया। समारोह का संचालन विनोद कुमार जैन ने किया।