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श्रद्धा व भक्ति के साथ मनाया तीर्थंकर भगवान महावीर का निर्वाण महोत्सव, मोदक चढ़ाकर की पूजा अर्चना

केकड़ी: बोहरा कॉलोनी स्थित ऋषभदेव जिनालय में निर्वाण लाडू चढ़ाते जैन धर्मावलम्बी।

केकड़ी, 21 अक्टूबर (आदित्य न्यूज नेटवर्क): केकड़ी के दिगम्बर जैन समाज ने मंगलवार को भगवान महावीर का निर्वाण मोक्ष कल्याणक महोत्सव धूमधाम व श्रद्धा के साथ मनाया। इस अवसर पर शहर के विभिन्न जैन मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना की गई तथा भक्तों ने भक्ति भाव से मोदक (निर्वाण लाडू) अर्पित किए। इस दौरान दिगम्बर जैन मंदिर चन्द्रप्रभु जैन चैत्यालय, मुनिसुव्रत नाथ मंदिर, शांतिनाथ मंदिर, आदिनाथ मंदिर, पार्श्वनाथ मंदिर, ऋषभदेव जिनालय, शांतिनाथ मंदिर व नेमिनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं ने सामूहिक रूप से निर्वाण लाडू चढ़ाकर भगवान को नमन किया। समाज के लोगों ने भगवान महावीर के सिद्धांतों के महत्व पर प्रकाश डाला तथा जीवन को सार्थक बनाने के लिए भगवान महावीर के उपदेशों को अपनाने पर जोर दिया।

दीपावली पर वैराग्य लक्ष्मी की पूजा: जैन धर्म के 24वें एवं अंतिम तीर्थंकर भगवान महावीर ने कार्तिक कृष्ण अमावस्या को स्वाति नक्षत्र में कैवल्य ज्ञान प्राप्त कर निर्वाण (मोक्ष) प्राप्त किया था। जैन धर्म में भौतिक धन-यश के बजाय वैराग्य लक्ष्मी को अधिक महत्व दिया जाता है। हर साल दीपावली के पावन पर्व पर दीपमालिका सजाकर भगवान महावीर का निर्वाणोत्सव मनाया जाता है। जिस दिन सुबह स्वाति नक्षत्र में महावीर स्वामी मोक्षधाम को प्राप्त हुए थे, तब इंद्रादि देवों ने उनके शरीर की पूजा की थी एवं पावा नगरी को दीपों से सजाया था। इसी परंपरा का निर्वाह करते हुए श्रद्धालुओं ने इस अवसर पर एक-दूसरे को दीपावली की शुभकामनाएं भी दी।

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