केकड़ी, 25 जुलाई (आदित्य न्यूज नेटवर्क): अजमेर रोड स्थित श्री मिश्रीलाल दुबे महिला शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय में “शैक्षणिक नवाचार एवं भविष्य की शिक्षा नीति” विषय पर आयोजित दो दिवसीय वाकपीठ संगोष्ठी शुक्रवार को संपन्न हो गई। इस आयोजन में केकड़ी ब्लॉक की शैक्षणिक संस्थाओं के समन्वय से क्षेत्र के प्रमुख शिक्षाविदों, प्रधानाचार्यों और नीति निर्माताओं ने भाग लिया, जिसका मुख्य उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को राष्ट्र निर्माण का आधार बनाना था। संगोष्ठी का शुभारंभ विधायक शत्रुघ्न गौतम ने दीप प्रज्जवलन से किया। इस मौके पर संस्थान सचिव चंद्र प्रकाश दुबे, संरक्षक गोपी लाल कीर, संयोजक नरेंद्र कुमार पारीक, अध्यक्ष गोपी किशन वैष्णव, सचिव छीतरमल नैनवाल, संस्थान निदेशक डॉ. अविनाश दुबे व अनिरुद्ध दुबे सहित अन्य मौजूद रहे।

विधायक ने किया प्रदर्शनी का अवलोकन: इस अवसर पर एम.एल.डी. अकादमी केकड़ी के छात्र-छात्राओं द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर आधारित नवाचारित शिक्षण सामग्री प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। विधायक शत्रुघ्न गौतम ने प्रदर्शनी का बारीकी से निरीक्षण किया और छात्र-छात्राओं से उनके मॉडलों की विशेषताओं और भविष्य में उनके उपयोग के बारे में जानकारी ली। उन्होंने सभी छात्र-छात्राओं और उनके मॉडलों की खूब सराहना की। संस्थान द्वारा आए हुए सभी अतिथियों का तिलक लगाकर, माला व साफा पहनाकर और स्मृति चिन्ह भेंट कर भव्य स्वागत किया गया। एम.एल.डी. की बालिकाओं ने स्वागत गीत गाकर अतिथियों का सत्कार किया।

तकनीकी एकीकरण और मानवीय संवेदनाओं पर जोर: मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए विधायक शत्रुघ्न गौतम ने शिक्षा में तकनीकी एकीकरण और नैतिक मूल्यों के समन्वय पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि वर्तमान युग में रोबोटिक शिक्षण से आगे बढ़कर मानवीय संवेदनाओं को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाना होगा। श्री मिश्रीलाल दुबे मेमोरियल संस्थान के सचिव चंद्रप्रकाश दुबे ने शैक्षणिक बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए संस्था की भविष्य की योजनाओं का खाका पेश किया। जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल कक्षाओं के विस्तार पर विशेष प्रकाश डाला गया।

गहन चर्चा और महत्वपूर्ण प्रस्ताव: श्री मिश्रीलाल दुबे अकादमी केकड़ी के प्रधानाचार्य एवं संयोजक नरेंद्र कुमार पारीक के नेतृत्व में प्रतिनिधियों ने स्कूली शिक्षा में कृत्रिम बुद्धिमत्ता की भूमिका, व्यावसायिक प्रशिक्षण का पाठ्यक्रम में समावेश एवं ग्रामीण विद्यार्थियों के लिए संसाधन सुलभता जैसे विषयों पर गहन चर्चा की। मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी गोपी लाल कीर ने राजस्थान सरकार की हरियालों राजस्थान पहल के तहत पर्यावरण शिक्षा को पाठ्यक्रम से जोड़ने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने हाल ही में ढसूक में आयोजित पौधारोपण कार्यक्रम का उदाहरण देते हुए इसे व्यावहारिक शिक्षा से जोड़ने पर बल दिया।

शांति मंत्र का किया उच्चारण: राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय भीमड़ावास के प्रधानाचार्य एवं संगोष्ठ अध्यक्ष गोपीकिशन वैष्णव ने सभी स्कूलों के लिए वार्षिक नवाचार प्रतियोगिता आयोजित करने का ऐलान किया। राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय लल्लाई के प्रधानाचार्य एवं सचिव छीतरमल नैनवाल प्रतिभागियों को स्मृति चिन्ह भेंट किए। विधायक गौतम ने समापन भाषण में कहा कि शिक्षकों और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच इस सहयोगात्मक प्रयास से ग्रामीण शिक्षा प्रणाली में गुणात्मक परिवर्तन की उम्मीद जगी है। आने वाले वर्षों में ऐसे आयोजनों को जिला स्तर तक विस्तारित किया जाएगा। कार्यक्रम का समापन शांति मंत्र के उच्चारण के साथ हुआ।
