Sunday, July 20, 2025
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गुरु वंदन समारोह में बताए भारतीय संस्कृति के मूल्य, गुरु-शिष्य परंपरा को पुनर्स्थापित करने का किया संकल्प

केकड़ी, 17 जुलाई (आदित्य न्यूज नेटवर्क): राजकीय महाविद्यालय में गुरुवार को अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ (उच्च शिक्षा) के तहत ‘गुरु वंदन’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रो. अनिल कुमार गुप्ता ने गुरु पूर्णिमा के ऐतिहासिक व सांस्कृतिक महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारतीय शिक्षा केवल किताबें पढ़ना नहीं है, बल्कि यह संस्कार, कर्तव्यनिष्ठा और सम्मान जैसे जीवन मूल्यों पर आधारित है। उन्होंने कहा कि माता-पिता हमें जीवन देते है, लेकिन गुरु हमारे चरित्र का निर्माण करते है।

सांस्कृतिक विरासत का महत्वपूर्ण अंग: प्राचार्य चेतन लाल रेगर ने कहा कि ‘गुरु वंदन’ सिर्फ एक परंपरा नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। उन्होंने जोर दिया कि आज की आधुनिक पीढ़ी को अपनी जड़ों से जुड़े रहना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन डॉ. नीता चौहान ने किया। आभार माया पारीक ने जताया। इस मौके पर राजेश नरूका, डॉ रजनी, डॉ कोमल सोनी, ज्योति मीना, विकास कुमार, डॉ शिखा माथुर, प्रियंका, नीलम, शोभा गुप्ता, जयंत बेनीवाल, गणपत लाल जाट, विनोद, जितेंद्र सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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