केकड़ी, 24 जुलाई (आदित्य न्यूज नेटवर्क): जलदाय विभाग के कर्मचारियों ने निजीकरण के विरोध में बांह पर काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन किया व कलेक्ट्रेट के समक्ष नारेबाजी की। प्रदर्शन के बाद कर्मचारियों के शिष्टमण्डल ने अधीक्षण अभियंता विक्रम सिंह गुर्जर एवं भारतीय जलदाय कर्मचारी महासंघ के जिलाध्यक्ष सीताराम वैष्णव के नेतृत्व में जिला कलक्टर श्वेता चौहान को ज्ञापन सौंपा। अधिशाषी अभियंता विनोद यादव ने बताया कि राज्य सरकार ने बजट घोषणा के अनुसार जलदाय विभाग के कार्य राजस्थान वाटर सप्लाई व सीवरेज कॉर्पोरेशन को ट्रांसफर करने का प्रस्ताव पारित किया है। पीएचईडी के कार्यों को निगम को हस्तांतरित करने का निर्णय सही नहीं है। यह निर्णय न केवल जलदाय कर्मियों बल्कि उपभोक्ताओं के हितों के भी खिलाफ है।
वेतन व पेंशन पर लटकेगी तलवार इस निर्णय के लागू होने के बाद कर्मचारियों को वेतन व पेंशन समय पर नहीं मिलेगी। क्योंकि राजस्थान वाटर सप्लाई एंड सीवरेज कॉरपोरेशन शुरू से ही कर्जे के बोझ तले दबी हुई है। वेतन व पेंशन समय पर नहीं मिलने के कारण कई परिवारों के समक्ष आजीविका का संकट खड़ा हो जाएगा। साथ ही राज्य की जनता को मिलने वाला शुद्ध पेयजल भी नहीं मिल सकेगा तथा जो मिलेगा वह भी महंगा मिलेगा। इससे राज्य सरकार की छवि धूमिल होगी। इतना ही नहीं पीएचईडी द्वारा हैंडपंप, नलकूप की स्वीकृतियां तथा जल योजनाओं से सम्बन्धित सभी कार्यों के लिए ऋण लिया जाएगा।
प्रस्ताव को निरस्त करने की मांग ज्ञापन में लिखा कि ऋण के अभाव में कार्य की स्वीकृतियां जारी नहीं हो पाएगी। जिससे राज्य की पेयजल व्यवस्था प्रभावित होगी। उन्होंने राज्य सरकार से मांग की है कि वह इस प्रस्ताव पर पुनर्विचार करके इसको निरस्त करे। ताकि आमजन के हितों की रक्षा हो सके। इस मौके पर सहायक अभियंता धीरज कुमार मीणा, भुवन लावड़िया, योगेश कुमार कटारिया, विनोद शेखावत, मुकेश सैन, ओमप्रकाश शर्मा, रोहित त्रिपाठी, सुरेश बैरवा, गोपाल गुर्जर, सत्यनारायण धाकड़, बजरंग नाथ, नन्दलाल तेली, रामघणी मीणा, शफीकुन्निसा, सोनिया कंवर आदि उपस्थित रहे।