केकड़ी (आदित्य न्यूज नेटवर्क) राजकीय महाविद्यालय केकड़ी में सोमवार को राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वावधान में अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि भौतिक शास्त्र के सह आचार्य प्रो. अनिल गुप्ता ने कहा कि मातृभूमि, मातृभाषा और माता का कोई विकल्प नहीं हो सकता। यह बात पूर्णरूप से सत्य है। कोई महिला कितनी भी श्रेष्ठ सुन्दर हो, वह हमारी मां नहीं हो सकती, कोई देश कितना भी सम्पन्न, समृद्ध हो परन्तु वह हमारी मातृभूमि नहीं हो सकता। इसी प्रकार विश्व की अन्य कोई भी भाषा हमारी मातृभाषा नहीं हो सकती। उन्होंने विद्यार्थियों को अपनी मातृभाषा के विकास और संवर्धन के लिए कार्य करने के लिए प्रेरित किया। प्रो. गुप्ता ने जन्म पत्रिका, विवाह-पत्रिका, हस्ताक्षर, नाम पट्टिका इत्यादि को मातृभाषा में लिखने और छपवाने का आग्रह किया। विशिष्ट अतिथि के रूप में राजनीति विज्ञान के सहायक आचार्य सुनील वर्मा ने बताया कि राज्य सरकार ने 2003 में राजस्थानी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा था, जिस पर तत्कालीन गृह राज्य मंत्री ने सैद्धांतिक सहमति दी। जालोर के विधायक जोगेश्वर गर्ग ने वर्ष 2008 में विधानसभा की सदस्यता की शपथ राजस्थानी भाषा में लेने की बात उठाई। कल्याण सिंह शेखावत 1962 से ही इस कार्य के लिए संघर्षरत है। वर्मा ने यह भी बताया कि हमें आशान्वित रहना चाहिए कि संविधान में राजस्थानी भाषा को मान्यता अवश्य प्राप्त होगी। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में डाॅ.अनीता रायसिंघानी, डॉ. देवेंद्र सोलंकी आदि भी उपस्थित रहे। संचालन छात्रा सपना साहू ने किया। कार्यक्रम में प्रियांशी, ऋतिक, ब्रह्मा कुमारी, हर्षित, टीना, प्रियंका कुमावत आदि ने राजस्थानी भाषा में अपनी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी।