केकड़ी (आदित्य न्यूज नेटवर्क) जैन आचार्य धर्म धुरन्धर सुरी महाराज की आज्ञानुवर्ती शिष्या साध्वी सौम्यप्रभा ने कहा कि भगवान की स्तुति व आराधना करने वाला व्यक्ति ही धर्म को आगे बढ़ाता है। वे बुधवार को कोटा रोड पर खेमचन्द (सोनू) लोढ़ा के आवास पर प्रवचन कर रही थी। उन्होंने कहा कि जिनेन्द्र देव के दर्शन विनयपूर्वक करने पर ही आनन्द की अनुभुति हो सकती है। मोहनीय कर्म कभी भी सुख देने वाला नहीं है। कषाय भाव जीव को कस कर बांध देते है। व्यक्ति को अधर्म एवं पापाचार से बच कर रहना चाहिए, क्योंकि सांसारिक प्राणी को तो क्षणिक दुख ही सहन करने पड़ते है। लेकिन पापाचार व अधर्म करने वाले व्यक्ति को नरक के असंख्यात दुखों को सहन करना पड़ता है। मानव को विनम्र भाव अपनाते हुए धर्म पथ पर अडिग रहना चाहिए। इसी से जीवन का कल्याण हो सकता है। मनुष्य पूर्वभव में किए गए पाप कर्मों के कारण पूजा, पाठ, भक्ति, अर्चना करने के बावजूद दुखी रहता है। इन पापकर्मों का क्षय भक्ति भाव से ही हो सकता है। सच्ची भक्ति करने वाला ही भगवान बन सकता है। विहार काल में संत—साध्वियों का सानिध्य प्राप्त कर मनुष्य को अपना जीवन सफल बनाने का प्रयत्न करना चाहिए।
जुलूस में गूंजे जैन धर्म के जयकारे प्रवचन से पहले साध्वी सौम्यप्रभा, साध्वी सौम्य दर्शना, साध्वी अक्षय दर्शना व साध्वी परम दर्शना कादेड़ा रोड पर टोल नाके के समीप स्थित आरके इण्डस्ट्रीज से विहार कर कोटा रोड स्थित गणपति ग्रेनाइट पहुंची। यहां सोनू लोढ़ा एवं उनके परिवारजन ने साध्वी मण्डल की गहुंली बनाकर अगवानी की व पगल्ये कराए। प्रवचन सभा व नवकारसी के बाद साध्वी मण्डल को जुलुस के रूप में सब्जी मण्डी स्थित संस्था भवन लाया गया। ढोल—ढमाकों के साथ निकाला गया जुलूस बस स्टैण्ड, आनन्द प्लाजा, तीनबत्ती चौराहा, अजमेरी गेट, सदर बाजार, चन्द्रप्रभु मंदिर होते हुए सब्जी मण्डी स्थित संस्था भवन पहुंचा। जुलूस में बड़ी संख्या में श्रावक—श्राविकाएं शामिल हुए।