केकड़ी (आदित्य न्यूज नेटवर्क) तालुका विधिक सेवा समिति के तत्वावधान में शुक्रवार को राष्ट्रीय लोक अदालत के तहत प्री—लिटिगेशन कैम्प का आयोजन किया गया। इस दौरान दम्पती के मध्य चौदह साल से चल रहे तलाक के प्रकरण का निस्तारण किया गया। न्यायिक अधिकारियों एवं अधिवक्ताओं ने समझाइश करते हुए एक दूसरे की भावना व मजबूरी को समझने के लिए प्रेरित किया। पारिवारिक जरुरतें हर प्रकार के परिवार की होती है। आमदनी कम हो और खर्चा अधिक हो तो पति-पत्नी को मिल जुलकर जरुरतों में तारतम्य बनाना चाहिए। इसी आशय की समझाइश के बाद अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश प्रथम अम्बिका सोनी एवं अधिवक्ता चेतन धाभाई व कन्हैयालाल मेवाड़ा ने दोनों पक्षकारों को भावनात्मक रूप से समझाया। अजमेर जिले के ग्रामीण इलाके के रहने वाले राम व सीता (बदला हुआ नाम) चौदह साल से आपस में कानूनी जंग लड़ रहे थे। एडीजे प्रथम अम्बिका सोनी ने हिन्दू धर्म के संस्कारों से अवगत करवाते हुए पति-पत्नी के पवित्र रिश्ते में विच्छेद नहीं करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि छोटी-छोटी बातों पर इगो या प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाना सही नहीं है। आपसी समझाइश के बाद दम्पती अपने सभी प्रकरणों का निस्तारण करवाने के लिए तैयार हो गए। प्रकरण का निस्तारण होने के बाद पति-पत्नी ने एक दूसरे को माला पहनाई व न्यायिक अधिकारियों एवं अधिवक्ताओं से आशीर्वाद लिया। इसके बाद दम्पती खुशी खुशी घर लौट गए। इस मौके पर रीडर कमल भाटी, तालुका विधिक सेवा समिति के सचिव गौतम चांवला, अधिवक्ता मनोज आहूजा, अधिवक्ता सीताराम कुमावत, अधिवक्ता महावीर जाट आदि मौजूद रहे।