केकड़ी, 10 जुलाई (आदित्य न्यूज नेटवर्क): मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है। पंखों से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है। समीपवर्ती नायकी गांव में रहने वाले दो नवयुवकों सीताराम वैष्णव व जीतराम जाट ने ऐसा ही कुछ करके दिखाया है। उन्होंने नायकी से उत्तरराखण्ड स्थित केदारनाथ धाम की लगभग 800 किलोमीटर की दूरी पैदल तय करने की ठानी और गत 13 जून को अपने घर से निकल गए। लगातार 27 दिन पैदल चलने के बाद शनिवार को वे केदारनाथ पहुंच गए। जहां उन्होंने बाबा केदारनाथ के दर्शन किए तथा पूजा अर्चना की। दर्शन के दौरान उन्होंने क्षेत्र की खुशहाली एवं विश्व शांति की कामना की।
अटूट श्रद्धा से पाया मुकाम वैष्णव व जाट का कहना रहा कि पैदल यात्रा के निर्णय का शुरुआत में परिवारजन ने विरोध किया। लेकिन उनकी अटूट श्रद्धा के कारण परिवारजन को भी स्वीकृति देनी पड़ी। उनका कहना रहा कि हर इंसान के अंदर प्रतिभा छिपी होती है। लोगों को प्रकृति से जोड़ने के साथ अपने अंदर छिपी प्रतिभा दिखाने के लिए उन्होंने यह यात्रा की है। यदि इंसान कुछ करने की ठान ले तो हर किसी का संकल्प पूरा होता है। इस यात्रा के दौरान उन्होंने प्रकृति को नजदीक से समझा है। उन्हें भगवान शिव से प्रेरणा मिली कि एक बार वे पैदल जरूर आएं। इसी संकल्प लेकर उन्होंने पदयात्रा शुरू की और आज उन्होंने अपनी मंजिल को प्राप्त कर लिया। उनका कहना रहा कि पैदलयात्रियों की सेवा के लिए सैंकड़ों श्रद्धालुओं के जुटे होने से उन्हें किसी तरह की परेशानी नहीं आई।
केदारनाथ दर्शन के लिए दो युवाओं ने 27 दिन में पैदल तय किया 800 किलोमीटर का सफर
