केकड़ी, 12 जून (आदित्य न्यूज नेटवर्क): दिगम्बर जैन आचार्य सुनिल सागर महाराज के शिष्य मुनि सुश्रुत सागर महाराज और क्षुल्लक सुकल सागर महाराज ससंघ ने सोमवार को पारा गांव से विहार कर केकड़ी में मंगल प्रवेश किया। जैन समाज के श्रद्धालुओं ने सावर रोड पर मुनि संघ की अगवानी की। बाद में मुनि संघ ने पुरानी केकड़ी स्थित शांतिनाथ मंदिर एवं मुनिसुव्रनाथ मंदिर में जिनेन्द्र प्रतिमाओं के दर्शन किए। इसके बाद मुनि संघ देवगांव गेट के समीप स्थित चंद्रप्रभु चैत्यालय पहुंचा। यहां मुनि संघ का रंगोली, मंगल कलश, पाद प्रक्षालन व आरती से स्वागत किया गया।
जीवन सफल बनाने के लिए पुण्य का संचय जरूरी धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनि सुश्रुत सागर ने कहा कि पुण्य से मिले मनुष्य गति के शरीर का सदुपयोग करके जीवन में पुण्य अर्जित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जीवन में सच्चे देव, शास्त्र और गुरु का मिलना शुभ कर्मों का फल है। इनकी श्रद्धा सहित भक्ति करनी चाहिए। दैनिक कार्यक्रम के तहत सुबह सवा छह बजे अभिषेक एवं शांतिधारा, आठ बजे मंगल प्रवचन, दोपहर तीन बजे स्वाध्याय कक्षा, सायं पौने सात बजे आचार्य भक्ति, सायं साढ़े सात बजे आरती एवं रात्रि आठ बजे बाल ब्रह्मचारी शुभम भैया द्वारा मंगल प्रवचन किए जाएंगे।
दिगम्बर जैन संतों ने किया केकड़ी में मंगल प्रवेश, जैन समाज ने की भव्य अगवानी
