केकड़ी, 01 जनवरी (आदित्य न्यूज नेटवर्क): बालाचार्य निपुण नन्दी महाराज ने कहा कि जिसने भी संतों के वचनों को आत्मसात कर लिया, उसने अपने जीवन का हित एवं कल्याण कर लिया। वे घंटाघर स्थित आदिनाथ जैन मंदिर में चल रहे 16 दिवसीय वृहद भक्तामर महामंडल विधान के दौरान प्रवचन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विधान का एक-एक बीजाक्षर सुख, धन, ऐश्वर्य को बढ़ाने वाला एवं रोग व शोक का नाशक करने वाला होता है। संत अपने वचनों से श्रावक के कल्याण का मार्ग प्रशस्त करते हैं। मीडिया प्रभारी रमेश बंसल व पारस जैन ने बताया कि प्रातः कालीन जिनाभिषेक, शांति धारा व जिनेंद्र पूजन के बाद पंडित अंकित शास्त्री के निर्देशन में 212 अर्घ्य व श्रीफल चढ़ाए गए।
ये रहे भाग्यशाली पुण्यार्जक बालाचार्य का पाद प्रक्षालन व भगवान आदिनाथ का चित्र अनावरण निर्मल कुमार प्रदीप कुमार कालेड़ा वालों ने एवं शास्त्र भेंट करने व सोधर्म इंद्र बनने का सौभाग्य कैलाश चंद्र, इंद्रमल सिंघल छाबड़िया वालों ने प्राप्त किया। सर्व मनोकामना पूरित सोलह दिवसीय भक्तामर महामंडल विधान के काव्यों के पुण्यार्जक भागचन्द कमलेश कुमार मित्तल रामथला वाले, निर्मलकुमार प्रदीपकुमार कालेड़ा वाले, विमलकुमार भागचन्द चेतनकुमार बिसून्दनी वाले, प्रेमचन्द पुनीत कुमार बड़ला वाले, कैलाश चंद इन्द्र चंद सिंघल छाबड़िया, पदम चंद जसवंत कुमार अशोक कुमार रांटा व चन्द्रप्रभु चैत्यालय परिवार के सदस्य रहे। महाआरती का लाभ भागचंद, कमलेश कुमार, विमल कुमार मित्तल परिवार रामथला ने प्राप्त किया।
भक्तामर महामंडल विधान पर अर्पित किए श्रीफल अर्घ्य, भजनों की बहाई सरिता
