Wednesday, April 30, 2025
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महिला ने अस्पताल के बाहर खुले में दिया बच्ची को जन्म, चिकित्साकर्मियों ने नहीं की कोई मदद

केकड़ी, 20 अप्रैल (आदित्य न्यूज नेटवर्क): केकड़ी के राजकीय जिला चिकित्सालय में चिकित्साकर्मियों की बड़ी लापरवाही सामने आई है। ऑन कॉल ड्यूटी पर तैनात स्त्री रोग विशेषज्ञ ने गर्भवती महिला को बिना देखे फोन पर ही अजमेर रेफर कर दिया। रेफर होने के बाद अस्पताल के बाहर एम्बुलेंस का इंतजार कर रही गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा शुरु हो गई। परिजन ने चिकित्साकर्मियों को स्ट्रेचर उपलब्ध करवाने एवं अस्पताल में भर्ती कर समुचित उपचार उपलब्ध करवाने की गुहार लगाई। लेकिन मौके पर मौजूद कार्मिकों ने उनकी एक नहीं सुनी। प्रसव पीड़ा तेज होने पर साथ में आई महिलाओं ने साड़ियों की आड़ लगा कर खुले में महिला का प्रसव करवाया।

क्या है मामला प्रसव पीड़ा होने पर कादेड़ा रोड निवासी प्रसूता को गुरुवार सुबह 6 बजे अस्पताल लाया गया। लेकिन उस समय ड्यूटी पर नर्सिंग स्टॉफ एवं अन्य कर्मचारी ही मौजूद थे। जब ऑन कॉल ड्यूटी पर तैनात स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. मीनाक्षी धाकड़ से पूछा गया कि वे कितनी देर में अस्पताल पहुंचेगी। तो उन्होंने अस्पताल आने में समय लगने की बात कही। इसके बाद वहां मौजूद नर्सिंग स्टॉफ ने स्थिति सीरियस बताते हुए महिला को अजमेर रेफर कर दिया। रेफर होने के बाद एम्बुलेंस का इंतजार करते समय महिला को प्रसव पीड़ा शुरु हो गई। परिजन ने नर्सिंग स्टॉफ को स्ट्रेचर उपलब्ध करवाने की गुहार लगाई। लेकिन किसी ने सुनवाई नहीं की।
केकड़ी के राजकीय जिला चिकित्सालय का फाइल फोटो।
साड़ी की आड़ में कराया प्रसव गर्भवती महिला की प्रसव पीड़ा तेज होने पर साथ में आई महिलाओं ने साड़ियों की आड़ लगाकर अस्पताल के बाहर खुले में प्रसव कराया। बताया जाता है कि प्रसव के बाद भी चिकित्सा स्टॉफ ने प्रसूता एवं नवजात की सुध नहीं ली। नार्मल डिलेवरी का मामला होने के बावजूद अजमेर रेफर करने तथा समुचित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं कराने पर परिजन द्वारा चिकित्सालय प्रशासन के समक्ष रोष जताने के बाद जच्चा व बच्चा को अस्पताल में भर्ती कर उपचार प्रारम्भ किया गया।

जांच कमेटी का किया गठन खुले में प्रसव का मामला सामने आने के बाद अस्पताल प्रशासन में जोरदार हड़कंप मच गया। अस्पताल के पीएमओ डॉ. गणपतराज पुरी ने आनन-फानन में ऑन ड्यूटी नर्सिंगकर्मियों, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी और गार्ड को तुरंत हटा दिया तथा सम्पूर्ण मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन कर तीन दिन में जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिए है। जांच टीम में कनिष्ठ विशेषज्ञ निश्चेतन डॉ. रोहित पारीक, कनिष्ठ विशेष मनोचिकित्सा डॉ. राजकुमारी मीणा एवं नर्सिंग अधीक्षक रामलाल धाकड़ शामिल है।

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