केकड़ी, 20 नवम्बर (आदित्य न्यूज नेटवर्क): खरतरगच्छ आचार्य पीयूषसागर सूरीश्वर महाराज ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को सम्यक दर्शन की प्राप्ति हो चुकी है लेकिन वह उसका उपयोग नहीं करता, ऐसे में सम्यक दर्शन होने के बावजूद व्यक्ति कोरा-कोरा ही रह जाता है। वे रविवार को बघेरा रोड स्थित श्री जिन कुशल सूरी दादाबाड़ी प्रांगण में अंजनशलाका, प्रतिष्ठा एवं दीक्षा महोत्सव के प्रसंग पर आयोजित धर्मसभा में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार मंदिर पर लगी ध्वजा चारों तरफ घूमती रहती है उसी प्रकार सम्यक दर्शन भी चारों तरफ घूमता है, लेकिन व्यक्ति इसे आस-पास होने के बावजूद पहचान नहीं पाता।
धर्मसभा में मुनि सम्यकरत्न सागर, साध्वी प्रभंजना एवं मंदिर निर्माण की प्रेरणादात्री साध्वी शुभदर्शना ने भी विचार व्यक्त किए। स्वागत उद्बोधन संघ अध्यक्ष जितेन्द्र सिंह सिंघवी ने दिया। महिला मण्डल की सदस्याओं ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। धर्मसभा के दौरान गुरु गौतम स्वामी की प्रतिमा व गोखला भराई की बोली राजेन्द्र धूपिया, सुरेन्द्र, दीपक, गौरव, वैभव धूपिया परिवार ने ली। संगीतकार की भूमिका इन्दौर के अरविन्द भाई चौरड़िया ने निभाई।
धर्मसभा के दौरान आचार्यश्री ने प्रतापगढ़ संघ को दादाबाड़ी की प्रतिष्ठा का मुहुर्त प्रदान किया। संचालन प्रो. ज्ञानचन्द सुराणा ने किया। इस मौके पर चैन्नई, जयपुर, कोटा, सावर, शोकलिया, सदारा, कादेड़ा, अजमेर, ब्यावर, अजमेर, किशनगढ़, भीलवाड़ा समेत विभिन्न स्थानों से आए समाज के महिला—पुरुष मौजूद रहे।
धर्मसभा से पहले जिन बिम्बों, गुरु भगवंतो एवं साध्वी मण्डल का कस्बे में भव्य मंगल प्रवेश हुआ। सकल ओसवाल समाज के लोगों ने बीजासण माता मंदिर चौराहे पर मुनि संघ एवं साध्वी मण्डल की भव्य अगवानी की। इसके बाद विशाल शोभायात्रा निकाली गई, जो तीनबत्ती चौराहा, अजमेरी गेट, घण्टाघर चौराहा, सदर बाजार, शीतलनाथ मंदिर, मोची मोहल्ला, सब्जी मण्डी, चन्द्रप्रभु मंदिर, घण्टाघर, जूनियां गेट, जयपुर रोड, बघेरा रोड चौराहा होते हुए दादाबाड़ी पहुंच कर सम्पन्न हुई।
जुलूस के दौरान महिलाओं ने सिर पर मंगल कलश धारण कर रखे थे। शोभायात्रा के बाद जिन बिम्बों को विधि विधान के साथ नूतन मंदिर में प्रवेश कराया गया। मूलनायक शंखेश्वर भगवान एवं निश्रादात्री नेमीनाथ भगवान की प्रतिमा की अगवानी का चढ़ावा नरेन्द्र कुमार, अक्षय कुमार लोढ़ा कोटा, गुरु गौतम स्वामी की अगवानी का चढ़ावा पारसमल, सतीश कुमार मेड़तवाल ब्यावर एवं देव—देवियों की अगवानी का चढ़ावा निहालचन्द मेड़तवाल केकड़ी ने लिया।
मीडिया प्रभारी नीरज लोढ़ा ने बताया कि सोमवार को शंखेश्वर दरबार उद्घाटन, कुंभ स्थापना, देवी—देवता पूजन, दीपक स्थापना, ज्वारारोपण, जलयात्रा विधान, क्षेत्रपाल पूजन, वेदिका स्थापना व 16 विद्यादेवी पूजन आदि का आयोजन किया जाएगा।
