Thursday, March 13, 2025
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राष्ट्रीय लोक अदालत में 289 प्रकरणों का राजीनामे से निस्तारण, लगभग 4 करोड़ रुपए के अवार्ड पारित, प्रीलिटिगेशन के 13 हजार 425 प्रकरण भी निस्तारित

केकड़ी, 23 दिसम्बर (आदित्य न्यूज नेटवर्क): लोक अदालत का यही है सार ना किसी की जीत ना किसी की हार की भावना से रविवार को केकड़ी मुख्यालय पर स्थित न्यायालयों में चतुर्थ राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। जिसमें दो बैंचों का गठन किया गया। प्रथम बैंच के अध्यक्ष अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश संख्या-2 केकडी प्रवीण कुमार वर्मा एवं सदस्य फरीद खान, पैनल अधिवक्ता रहे। द्वितीय बैंच के अध्यक्ष सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट, केकड़ी शुभम गुप्ता एवं सदस्य मुकेश गढ़वाल, पैनल अधिवक्ता रहे तथा राजस्व प्रकरणों के लिए सदस्य उपखण्ड अधिकारी सुभाष चंद्र हेमानी रहे।

दो बैंचों का किया गठन प्रथम बैंच द्वारा न्यायालय एडीजे 1 केकड़ी तथा एडीजे 2 केकड़ी के कुल 71 प्रकरणों का राजीनामा से निस्तारण हुआ। जिनमें कुल 2 करोड़ 66 लाख एक हजार 200 रुपए के अवार्ड पारित किए गए तथा बैंकों एवं ए.वी.एन.एल. के प्री-लिटिगेशन के 53 प्रकरणों का निस्तारण हुआ, जिसमें कुल 58 लाख 5 हजार 230 रुपए के अवार्ड पारित किए गए। द्वितीय बैंच द्वारा न्यायालय एसीजेएम 1 केकड़ी, एसीजेएम-2 केकड़ी व जे एम. केकड़ी के कुल 218 प्रकरणों का राजीनामा से निस्तारण हुआ। जिनमें कुल 96 लाख 80 हजार 897 रुपए के अवार्ड पारित किए गए। द्वितीय बैंच द्वारा जिला कलक्टर केकड़ी, अतिरिक्त जिला कलक्टर केकड़ी, उपखण्ड न्यायालय केकड़ी, भिनाय व सावर एवं तहसील केकड़ी, भिनाय व सावर के कुल 13425 प्रीलिटिगेशन प्रकरणों का तथा 165 अन्य लंबित राजीनामा योग्य प्रकरणों का निस्तारण किया गया।

इन्होंने किया सहयोग इस अवसर पर तालुका विधिक सेवा समिति केकड़ी के सचिव जितेंद्र लखारा तथा केकडी न्यायालयों के न्यायिक कर्मचारीगण आशाराम कुमावत, निधि गौतम, निशा कुमावत, अमित सिंह, महावीर सिंह, चंदन कुमार गुर्जर, संजीव चौधरी, शिवराम कीर व अब्दुल मजीद एवं होमगार्ड सागर वैष्णव, देवराज, दिलखुश साहू, मुकेश चावला, सत्यनारायण व गोवर्धन ने लोक अदालत को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। अधिवक्तागण में पैनल लॉयर एवं अध्यक्ष बार एसोसिएशन केकड़ी मनोज कुमार आहूजा, एडवोकेट हेमंत जैन, हनुमान प्रसाद शर्मा, परवेज नकवी, मुकेश शर्मा, भैरू सिंह राठौड़, भावेश तातेड़ ने पक्षकारों को राजीनामा के माध्यम से प्रकरणों को निस्तारित करने के लिए प्रेरित किया।

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