केकड़ी, 14 फरवरी (आदित्य न्यूज नेटवर्क): यहां जयपुर रोड पर नवनिर्मित खाटू श्याम मंदिर व लक्ष्मीनारायण मंदिर में आयोजित तीन दिवसीय महोत्सव देव प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा के साथ सम्पन्न हो गया। यज्ञाचार्य पंड़ित राधाशरण शर्मा ने शुभ मुहुर्त में मंत्रोचार के साथ प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा करवाई। प्रतिष्ठा के बाद कुमारिकाओं ने प्रतिमाओं को आईना दिखाया, जो कुछ ही क्षण में टूट गया। आईना टूटने के साथ ही मंदिर परिसर खाटू नरेश व भगवान लक्ष्मीनारायण के जयकारों से गूंज उठा।
केकड़ी: खाटू श्याम की प्रतिमा की प्रतिष्ठा करते लाभार्थी परिवार के सदस्य।
इन्हें मिला प्रतिष्ठा का लाभ खाटू श्याम बाबा की प्रतिमा की प्रतिष्ठा का लाभ ताराचंद, लाभचंद, दीपक कुमार, अमित कुमार धूपिया एवं शांतिलाल, बंटी व विनीत चौरड़िया तथा भगवान लक्ष्मीनारायण की प्रतिमा की प्रतिष्ठा का लाभ जसराज चौधरी परिवार ने प्राप्त किया। देव प्रतिमाओं की प्रतिष्ठा के बाद मंदिर के शिखर पर कलश व ध्वजा चढ़ाई गई। प्रतिमाओं का आकर्षक श्रृंगार कर महाआरती की गई एवं भोग लगाने के बाद प्रसाद वितरित किया गया।
ढोल नगाड़ों की धुन पर की महाआरती श्री लक्ष्मीनारायण व बाबा खाटू श्याम की प्रथम आरती मंदिर पुजारी पंड़ित शुभम पाराशर ने की। सदर बाजार स्थित गणेश मंदिर के पुजारी विष्णु वैष्णव व पंड़ित नितेश व्यास ने मंत्रोच्चार व ढोल नगाड़ों के साथ बाबा खाटू श्याम, लक्ष्मीनारायण व बालाजी की शिव तांडव की तर्ज पर महाआरती की। देव प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा के बाद मंदिर परिसर में दर्शनार्थियों का हुजुम उमड़ पड़ा। शाम को गोशाला परिसर में महाप्रसादी का आयोजन किया गया। जिसमे हजारों लोगों ने प्रसाद पाया।
केकड़ी: रामधुनी में भाव विभोर होकर नृत्य करती महिलाएं।
नाचते गाते निकाली रामधुनी मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा को लेकर बुधवार को अजमेर रोड स्थित बीजासण माता मंदिर से 108 गांवों की रामधुनी निकाली गई। जो नगर के विभिन्न मार्गों से होकर जयपुर रोड स्थित मंदिर परिसर पहुंच कर सम्पन्न हुई। रामधुनी में महिला-पुरूष भजन कीर्तन करते हुए तथा युवा डीजे की धुन पर नाचते हुए चल रहे थे। रामधुनी का शहर में जगह-जगह पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया तथा विभिन्न स्थानों पर जल-पान व अल्पहार की व्यवस्था की गई।
यह रहेगा आरती का समय श्री बाबा खाटू श्याम व श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर पुजारी शुभम पाराशर ने बताया कि प्रतिदिन प्रातः 5:30 पर मंगला आरती, 7:30 पर श्रृंगार आरती, 10:30 पर भोग आरती, 12:30 बजे विश्राम आरती, सायं 5 बजे आरती, सायं 7 बजे भोग आरती, 7:30 बजे संध्या आरती व रात साढ़े 9 बजे शयन आरती की जाएगी। प्रतिमाह शुक्ल पक्ष की एकादशी पर मंदिर परिसर में भजन कीर्तन किया जाएगा।