केकड़ी, 01 मार्च (आदित्य न्यूज नेटवर्क): श्री जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ के तत्वावधान में शनिवार को खरतरगच्छाचार्य श्री जिन पीयूषसागर सूरीश्वर महाराज का 41वां दीक्षा जयंती महोत्सव विविध कार्यक्रमों के साथ आयोजित किया गया। आचार्य श्री जिन पीयूषसागर सूरीश्वर महाराज आदि ठाणा 15 की पावन निश्रा एवं साध्वी प्रियंकरा श्रीजी म.सा. आदि ठाणा 6, साध्वी मृगावती श्रीजी म.सा. आदि ठाणा 3 एवं साध्वी सौम्यप्रभा श्रीजी म.सा. आदि ठाणा 4 के पावन सानिध्य में सब्जी मण्डी स्थित स्थानक भवन में प्रवचन सभा, गुणानुवाद सभा, संयम अनुमोदना एवं बधावना का कार्यक्रम हुआ।


आचार्यश्री के किए पाद प्रक्षालन गुणानुवाद सभा से पहले नगर प्रवेश का भव्य वरघोड़ा निकाला गया। जुलूस मार्ग में श्रावक श्राविकाओं ने आचार्यश्री के पाद प्रक्षालन किए तथा गहूंली कर आशीर्वाद प्राप्त किया। जुलूस अजमेर रोड स्थित बीजासण माता मंदिर के समीप आरके हाउस से रवाना हुआ। जो नगर परिषद, तीनबत्ती चौराहा, अजमेरी गेट, घण्टाघर, चन्द्रप्रभु मंदिर, सदर बाजार, शीतलनाथ मंदिर होते हुए स्थानक भवन पहुंच कर सम्पन्न हुआ। यहां श्रीसंघ की महिलाओं ने अष्ट मंगल एवं मंगल कलश लेकर आचार्यश्री, मुनि संघ एवं साध्वी वृंद की भव्य अगवानी की।


सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने मोहा मन जुलूस के बाद धर्मसभा का आयोजन हुआ। शुरूआत में खरतरगच्छ संघ के अध्यक्ष जितेन्द्र सिंघवी ने स्वागत उद्बोधन दिया। मिष्टी धूपिया, अनाया धूपिया, अविका जैन, आरोही जैन व आरना सेठी ने मंगलाचरण नृत्य, वीरा बांठिया, ईरा ताथेड़ व अश्वी लोढ़ा ने परी नृत्य एवं गर्वित सोनी व शौर्यवीर ताथेड़ ने हनुमान नाटिका प्रस्तुत की। इसी प्रकार रणवीर रूपावत, नक्श चौरड़िया, कृश संचेती व आरव मेड़तवाल ने आचार्यश्री के जीवन चरित्र पर आधारित नाटिका एवं अर्नव कोठारी, अव्यांश धूपिया, शिविन चौरड़िया व रियांश बांठिया ने नृत्य प्रस्तुत किया।

इन्होंने भी दी प्रस्तुतियां धर्मसभा में दीपशिखा चौरड़िया, आशा रूपावत, स्वीटी धूपिया, सिम्मी संचेती व नैना धूपिया ने सामूहिक गीत, अंजलि लोढ़ा, नमिता धूपिया, हिना धूपिया व शिप्रा धूपिया ने स्वागत गीत एवं कुसूम धूपिया ने स्वागत भजन प्रस्तुत किया। अर्नव कोठारी, शिविन जैन, देव, वंश व अव्यांश एवं कृति चौरड़िया, अन्वेक्षा धूपिया, शनाया लोढ़ा, जैनी ताथेड़, शैली ताथेड़ व दिया चौरड़िया ने नाटिका प्रस्तुत की। इस दौरान श्रावक श्राविकाओं ने आचार्यश्री को अक्षत आदि से बधाया। धर्मसभा के बाद स्वामी वात्सल्य का आयोजन किया गया।

निष्काम भाव से की समाज की सेवा गुणानुवाद सभा को संबोधित करते हुए मुनि शाश्वत रत्न सागर महाराज, मुनि श्लोकरत्न सागर महाराज, मुनि श्रुतरत्न सागर महाराज, साध्वी सौम्यदर्शना श्रीजी म.सा., साध्वी प्रिसुधा श्रीजी म.सा., साध्वी प्रसिद्धि श्रीजी म.सा. एवं साध्वी प्रणम्य श्रीजी म.सा. आदि ने कहा कि आचार्यश्री जिन पीयूषसागर सागर सूरीश्वर महाराज ने संयम की परिपालना करते हुए संघ और समाज की निष्काम भाव से सेवा की है तथा संघ और समाज में आध्यात्मिक दृष्टि से कुशलता, दक्षता एवं अपनी असीमित क्षमताओं से नित नए सृजन को आकार प्रदान किया है। आपके व्यक्तित्व एवं कृतित्व से सामाजिक, शिक्षा, सेवा और स्वाध्याय के प्रति नई चेतना का संचार हुआ है।

क्रांतिकारी विचारों से मिली समाज को नई दिशा उन्होंने कहा कि आधारभूत क्षमता, सज्जनता, सरलता, सहजता व मृदुभाषिता आचार्यश्री के व्यक्तित्व के विलक्षण गुण हैं। आप अच्छे कवि, गायक व लेखक भी हैं। आपने तथ्यपरक लेखन व क्रांतिकारी विचारों से समाज को नई दिशा दी है। आपकी कुशलता व दक्षता के कारण धर्म प्रभावना की झड़ी लगी हुई है। जिससे धर्मानुरागी भक्त जनों में आशा और उत्साह का संचार हुआ है। इस मौके पर मुनि श्लोकरत्न सागर महाराज, साध्वी अक्षय दर्शना श्रीजी म.सा. व परम दर्शना श्रीजी म.सा. ने भजन आदि प्रस्तुत किए। इस दौरान नमिता धूपिया, भव्य ताथेड़, महेन्द्र धम्माणी आदि ने भी विचार व्यक्त किए।

लाभार्थी परिवार ने भेंट की जिन प्रतिमा धर्मसभा के दौरान आगामी 9 मार्च से 13 मार्च तक केकड़ी से मालपुरा के लिए आयोजित प्रथम चतुर्विध छ:रि पालित पैदल यात्रा संघ एवं मालपुरा तीर्थ में 13-14 मार्च को आयोजित होली फाल्गुन मेला ”कुशल स्पर्शना” के आयोजक विमल लोढ़ा, मनोज लोढ़ा, राजेन्द्र धूपिया, सुरेन्द्र धूपिया, दीपक धूपिया, गौरव धूपिया, वैभव धूपिया, विनय धूपिया व विवेक धूपिया आदि ने आचार्यश्री को जिन प्रतिमा भेंट की। श्री जैन श्वेताम्बर तपागच्छ संघ एवं साध्वी सौम्यप्रभा श्रीजी म.सा. ने आचार्यश्री को कामली वोहराई। बाहर से पधारे समाज के श्रेष्ठीजनों का लोढ़ा—धूपिया परिवार की ओर से बहुमान किया गया। संचालन कोटा से आई जॉली भण्डारी ने किया।


ये रहे मौजूद इस मौके पर जितेन्द्र सिंघवी, उमरावमल मेड़तवाल, गौतम सिंह बग्गाणी, सुरेन्द्र लोढ़ा, गौतम चन्द रूपावत, सुरेन्द्र सिंह सिंघवी, भंवरलाल मेड़तवाल, निहाल चन्द मेड़तवाल, कुशल चन्द चौरड़िया, शांतिलाल चौरड़िया, नीरज लोढ़ा, अमित धूपिया, नवीन ताथेड़, निहाल चन्द मेड़तवाल, राकेश मेड़तवाल, मांगीलाल ताथेड़, शांतिलाल ताथेड़, छोटूलाल पालड़ेचा, अमित चौरड़िया, सुनील संचेती, शांतिलाल विनायका, नरेन्द्र पीपाड़ा, प्रकाशचन्द नाहटा, रिखब सोनी, अशोक लोढ़ा, लाभचन्द धूपिया, विजय धूपिया, पारस सोनी, हंसराज बांठिया, रिखब धम्माणी, खेमचन्द ताथेड़, विजय कोठारी, गौतम चन्द ताथेड़, चन्द्र सिंह जैन समेत कई जने मौजूद रहे।






