केकड़ी, 13 अगस्त (आदित्य न्यूज नेटवर्क): अस्थाई अनापत्ति प्रमाण पत्र (टीएनओसी) प्राप्त करो और पांच साल बाद ‘पेनल्टी भरो व कॉलेज चलाओ’ निजी कॉलेज संचालकों की यह ‘नीति’ अब ज्यादा दिन नहीं चलेगी। क्योंकि सुविधाएं देने के बजाय धन से उच्च शिक्षा ग्रहण करा रहे निजी कॉलेज संचालकों पर शिकंजा कसने वाला है। इसके लिए आयुक्तालय कॉलेज शिक्षा ने निजी महाविद्यालय नीति 2021-22 के बिन्दु संख्या 31.2.2 में बदलाव किया है। आदेश के तहत अस्थाई एनओसी प्राप्त करने के बाद लंबे समय से संचालित निजी कॉलेजों को सत्र 2025-26 तक स्थाई प्रमाण पत्र लेना अनिवार्य होगा।
पैनल्टी की ऑक्सीजन पर चल रहे बीस प्रतिशत कॉलेज स्थाई प्रमाण पत्र नहीं लेने पर आयुक्तालय ने संबंधित निजी कॉलेजों की एनओसी क्रमिक रूप से निरस्त करने का निर्णय किया है। क्योंकि कई निजी कॉलेज एक बार अस्थाई प्रमाण पत्र लेने के बाद स्थाई एनओसी के लिए मापदंड पूरे नहीं कर रहे हैं। उन्हें स्थाई एनओसी जारी नहीं हो रही है और वे प्रति वर्ष पेनल्टी राशि जमा करवाकर कॉलेज संचालन के लिए ‘संजीवनी’ रूपी अनुमति लेकर काम निकाल रहे है। प्रदेश में वर्तमान में 1895 निजी कॉलेज संचालित हैं। एक अनुमान के मुताबिक करीब बीस प्रतिशत कॉलेज अब भी ‘पैनल्टी की ऑक्सीजन’ पर चल रहे हैं।
क्या है स्थाई एनओसी के प्रावधान आयुक्तालय कॉलेज शिक्षा ने निजी कॉलेजों को स्थाई एनओसी जारी करने के लिए मापदंड तय किए हैं। इसके अनुसार संस्थान की स्वयं की भूमि शैक्षिक प्रयोजनार्थ रूपांतरित, भवन, भवन सुरक्षा प्रमाण पत्र, पुस्तकालय, वाचनालय, सभागार, शौचालय, खेल मैदान, यूजीसी की ओर से निर्धारित मापदंड अनुसार प्राचार्य एवं शैक्षिक स्टाफ, बैंक से वेतन भुगतान के दस्तावेज, पीएफ, ईएसआई के साथ ही गत सत्रों का परीक्षा परिणाम एवं कॉलेज की सभी सूचनाएं वेबसाइट पर अपलोड करने सहित अन्य प्रावधान पूरे करना अनिवार्य है।
अब आगे क्या होगा ऐसे सभी निजी महाविद्यालयों को इसी सत्र 2024-25 में सभी अनिवार्यताएं पूरी करनी होंगी। वरना दशकों से चल रहे कॉलेज बंद होने की आशंका है। ऐसे महाविद्यालयों को इसी सत्र में एक साथ सभी अनिवार्यताएं पूरी करने एवं पेनल्टी भरने का दबाव है, तो वहीं विद्यार्थी और अभिभावकों के सामने प्रवेश को लेकर दुविधा है।
यह है पैनल्टी के प्रावधान प्रथम अस्थाई एनओसी प्राप्त करने के बाद पांच वर्ष में स्थाई एनओसी के मापदंड पूरे नहीं करने पर छठे वर्ष से पैनल्टी का प्रावधान है। इसमें प्रति वर्ष 50 हजार रुपए की बढ़ोत्तरी की जाती है। पर, अब सत्र 2023-24 एवं 2024-25 तक चलेगा। इसके बाद स्थाई एनओसी के मापदंड पूरे नहीं होने पर जुर्माने की ऑक्सीजन नहीं मिलेगी।
5 साल बाद कितनी लगेगी पैनल्टी
- 6 वर्ष- 2.50 लाख
- 7 वर्ष- 3 लाख
- 8 वर्ष- 3.50
- 9 वर्ष- 4 लाख
- 10 वर्ष- 4.50 लाख