Wednesday, April 30, 2025
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लाखों रुपए का पैकेज छोड़ वैराग्य पथ की ओर अग्रसर हुई हर्षाली कोठारी, सकल जैन समाज ने निकाली शोभायात्रा, मुमुक्षु का किया बहुमान

केकड़ी, 13 नवम्बर (आदित्य न्यूज नेटवर्क): मुमुक्षु हर्षाली कोठारी ने कहा कि मोक्ष पाने के लिए संयम जरूरी है। संयम के बिना मोक्ष की प्राप्ति नहीं हो सकती। हर्षाली बुधवार को देवगांव गेट बाहर स्थित गोशाला सत्संंग भवन में आयोजित दीक्षार्थी अभिनन्दन समारोह में बोल रही थी। हर्षाली ने कहा कि यह संसार असार है, खारा है। संयम के मार्ग पर चलकर ही सांसारिक मोहमाया से छुटकारा मिल सकता है। उन्होंने कहा कि सांसारिक व भौतिकता की चकाचौंध में अध्यात्म व वीतराग मार्ग की ओर अग्रसर होना एक महान उपलब्धि है।

केकड़ी: साध्वी सौम्यप्रभा, साध्वी सौम्य दर्शना, साध्वी अक्षय दर्शना आदि से आशीर्वाद प्राप्त करती हर्षाली।

सौभाग्यशाली है पूरा परिवार धर्मसभा में साध्वी सौम्यप्रभा एवं साध्वी सौम्य दर्शना ने दीक्षा की ओर अग्रसर वैरागन हर्षाली के माता-पिता को सम्बोधित करते हुए कहा कि आप बहुत सौभाग्यशाली है और आपने संयम मार्ग में कभी भी रोडे नहीं अटका कर अपना नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखवा लिया है। सांसारिक मोहमाया को छोड़ कर संयम पथ अंगीकार करना मानव जीवन की बहुत बड़ी उपलब्धि है। ब्यावर निवासी हर्षाली कोठारी केकड़ी में रहने वाले रिखबचन्द सोनी की भानजी है तथा हर्षाली आगामी 3 दिसम्बर 2024 को जैन आचार्य श्री रामलाल महाराज के पा​वन सानिध्य में जैन भागवती दीक्षा ग्रहण करेगी।

केकड़ी: मुमुक्षु हर्षाली का बहुमान करते स्थानकवासी संघ के सदस्य।

गोद भराई कर ओढाई शॉल समारोह के दौरान श्री जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ, तपागच्छ संघ, वर्धमान स्थानक संघ, स्थानकवासी महिला मण्डल, बहु मण्डल, बढ़ते कदम संस्थान एवं सोनी परिवार सहित विभिन्न संगठनों ने वैरागन हर्षाली कोठारी का शॉल ओढ़ाकर एवं गोद भराई की रस्म कर भावभीना अभिनन्दन किया। जैन समाज की ओर से वैरागन हर्षाली के पिता अशोक कोठारी, माता उषा कोठारी सहित अन्य परिजनों का शॉल ओढ़ाकर व माल्यार्पण कर बहुमान किया गया। संचालन कवि बुद्धिप्रकाश दाधीच ने किया।

केकड़ी: मुमुक्षु हर्षाली का बहुमान करते सोनी परिवार के सदस्य।

ये रहे मौजूद इस मौके पर स्थानकवासी संघ के अध्यक्ष अशोक लोढ़ा, खरतरगच्छ संघ के अध्यक्ष जितेन्द्र सिंघवी, तपागच्छ संघ के अध्यक्ष सुरेन्द्र धूपिया, प्रकाश चन्द नाहटा, गौतम सिंह बग्गाणी, राजेन्द्र धूपिया, नरेन्द्र पीपाड़ा, सुभाष चौरड़िया, रिखब सोनी, रिखब धम्माणी, अरविन्द नाहटा, नीरज लोढ़ा, शैलेन्द्र बोरदिया, अमित धूपिया, कुशल चौरड़िया, गौतम रूपावत, उमराव मल मेड़तवाल, शांतिलाल चौरड़िया, सुशील कर्णावट, शीतल लोढ़ा, मनोज लोढ़ा, गौरव धूपिया, बढ़ते कदम संस्थान के आनन्दीराम सोमाणी, राजेन्द्र बियाणी, अमित गर्ग, रामनिवास छीपा सहित कई जने मौजूद रहे।

केकड़ी: शोभायात्रा में जिनेन्द्र प्रतिमा के समक्ष चंवर ढुलाते श्रावक।

शोभायात्रा में उमड़ा जैन समाज अभिनन्दन समारोह से पहले साध्वी सौम्यप्रभा, साध्वी सौम्य दर्शना, साध्वी अक्षय दर्शना एवं साध्वी परम दर्शना के पावन सानिध्य में घण्टाघर चौराहे से भव्य शोभायात्रा निकाली गई। जो अजमेरी गेट, अस्पताल रोड, खिड़की गेट, सदर बाजार, घण्टाघर, लक्ष्मीनाथ मंदिर होते हुए देवगांव गेट गौशाला पहुंची।

केकड़ी: शोभायात्रा के दौरान माता पिता के साथ वाहन में सवार मुमुक्षु हर्षाली कोठारी।

जरूरतमंद परिवारों को दिया अनुकम्पा दान बैण्ड बाजों के साथ निकाली गई शोभायात्रा की छटा देखते ही बन रही थी। वैरागन हर्षाली कोठारी सजे धजे वाहन में सवार होकर संयम पथ की ओर अग्रसर हुई। जुलूस मार्ग में कई स्थानों पर आमजन की ओर से वैरागन हर्षाली का बहुमान किया गया। जुलूस के दौरान हर्षाली ने जरूरतमंद परिवारों को वस्त्र आदि के रूप में अनुकम्पा दान दिया।

केकड़ी: शोभायात्रा में शामिल पुरूष वर्ग।
केकड़ी: शोभायात्रा में शामिल पुरूष वर्ग।

जीवन परिचय ब्यावर निवासी उषा—अशोक कोठारी की पुत्री हर्षाली कोठारी 29 वर्ष की अल्प आयु में सांसारिक मोहमाया के भंवरजाल से निकल कर संयम पथ ग्रहण करेंगी। हर्षाली उच्च शिक्षा ग्रहण करने के बाद एडोब कम्पनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के पद पर कार्य कर रही थी। वर्ष 2021 में जैन आचार्य श्री रामलाल महाराज का ब्यावर में चातुर्मास हुआ। इस दौरान हर्षाली कोरोना के चलते वर्क फ्रॉम होम के जरिए अपना काम कर रही थी।

केकड़ी: शोभायात्रा में शामिल साध्वी मण्डल एवं महिला वर्ग।

32 लाख का पैकेज छोड़ा चातुर्मास के दौरान गुरुदेव के प्रवचन सुनकर हर्षाली को संसार की असारता का बोध हुआ और धीरे धीरे वह आत्म चिंतन में लीन रहते हुए वैराग्य पथ की ओर अग्रसर हो गई। उन्होंने शादी नहीं करने का फैसला करते हुए शील व्रत अंगीकार कर लिया। गत 23 मार्च 2023 को हर्षाली ने अपने जॉब से रिजाइन कर दिया और वैराग्य पथ की ओर कदम बढ़ा दिए। हर्षाली ने जिस समय जॉब छोड़ा उस समय उनका सालाना पैकेज 32 लाख रुपए था।

केकड़ी: अभिनन्दन समारोह में अपने माता—पिता के साथ मंचासीन हर्षाली।

आईएएस बनने की थी भावना वैराग्य की प्रबल भावना को देखते हुए गुरुदेव ने गत 22 अगस्त 2024 को भीलवाड़ा में आज्ञा पत्र प्रदान कर दिया। बातचीत में हर्षाली ने बताया कि उनकी प्रबल भावना आईएएस बनने की थी, लेकिन वे सॉफ्टवेयर इंजीनियर बन गई। सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना उनकी मंजिल नहीं थी। दुर्लभ मानव जीवन में पूर्व जन्म के संस्कारों के कारण उन्हें संयम पथ पर आरूढ़ होने का अवसर प्राप्त हुआ है। यह उनके लिए गौरव का क्षण है, कि वे जैन भागवती दीक्षा अंगीकार कर साध्वी बनने जा रही है।

केकड़ी: मुमुक्षु हर्षाली का बहुमान करते खरतरगच्छ संघ के सदस्य।
केकड़ी: मुमुक्षु हर्षाली का बहुमान करती बहु मण्डल की सदस्याएं।

केकड़ी: केकड़ी: मुमुक्षु हर्षाली का बहुमान करते तपागच्छ संघ के सदस्य।
केकड़ी: मुमुक्षु हर्षाली का बहुमान करते बढ़ते कदम संस्थान के सदस्य।

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