Thursday, June 19, 2025
Homeसमाजसरलता व सत्यता को प्रताड़ित किया जा सकता है, पराजित नहीं... आने...

सरलता व सत्यता को प्रताड़ित किया जा सकता है, पराजित नहीं… आने वाली पीढ़ी को पढ़ाएं सरलता व सत्यता का पाठ-मुनि आदित्य सागर महाराज

केकड़ी, 07 जून (आदित्य न्यूज नेटवर्क): श्रुत संवेगी मुनि आदित्य सागर महाराज ने कहा कि स्वार्थ और झूठ के साथ हमें कभी किसी को मित्र नहीं बनना चाहिए। सत्यता और सरलता के साथ बनाए गए रिश्ते हमेशा मधुर बने रहते हैं। श्रावकों का कर्तव्य है कि उन्हें अपने आगे आने वाली पीढ़ी को सरलता व सत्यता का पाठ अवश्य पढ़ाना चाहिए। वे शुक्रवार को दिगम्बर जैन चैत्यालय भवन में ग्रीष्मकालीन प्रवचनमाला के अंतर्गत मेरी भावना काव्य के सूक्तकों की व्याख्या करते हुए बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि सरल-सत्य व्यवहार ही हमें जीवन में ऊंचाइयां प्रदान करेगा। हमारे जीवन में जब तक सरलता व सत्यता नहीं होगी, हम परोपकार नहीं कर पाएंगे।

केकड़ी: धर्मसभा में दीप प्रज्ज्वलन करते हुए समाज के श्रेष्ठी।

स्वाध्याय के लिए त्याग की भावना जरूरी उन्होंने मेरी भावना की एक सूक्ति ‘रहे भावना ऐसी मेरी, सरल-सत्य-व्यवहार करूं, बने जहां तक इस जीवन में औरों का उपकार करूं’ उक्ति का उल्लेख करते हुए कहा कि हमें हमारी भावनाओं को स्वयं संभालना होगा। यदि हमारे अंदर त्याग की भावना नहीं है तो स्वाध्याय करना व्यर्थ है। जिनके मुंह में राम और बगल में छूरी हो, ऐसे लोगों से बचकर रहें। ये लोग कभी सरल नहीं हो सकते। परिवार में सदस्यों के कमरे चाहे अलग-अलग हो मगर छत एक ही होनी चाहिए दूसरों पर आश्रित होने की अपेक्षा स्वयं पर हाथ आश्रित होना सीखें। दूसरों का सहारा तभी लें, जब पूर्ण रूप से शक्ति विहीन हो चुके हो, क्योंकि दुनिया सहारा कम देती है और मजाक ज्यादा उड़ती है। मंजिलें हमारी है, तो मुश्किलें भी हमें ही हटानी होगी। हम कितने सरल और सहज हैं यह हमारे व्यवहार से पता चलता है। दिगंबर मुनिराजों के पास सरलता का भंडार भरा होता है, इनके पास जो भी जाता है उन्हें यह सहजता से प्राप्त होने लगती है।

सरलता को बनाना होगा मूल स्वभाव उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यक्ति हमें गाली देता है और उसे हम ना लें, तो वह पुनः गाली देने वाले व्यक्ति के पास चली जाती है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि एक पात्र में आधा पानी और आधा तेल डाला जाए और इसे कितना भी हिला लिया जाए, तो भी ऊपर तेल ही रहता है और पानी नीचे। क्योंकि पानी सरल होता है। ये कभी नहीं घुलते। सरलता व सत्यता को प्रताड़ित किया जा सकता है, पराजित नहीं। हमें शाश्वत सुख की यात्रा में समाधि पूर्वक मरण करना हो, तो पूरे जीवन पर्यंत सरलता व सत्यता को हमारा मूल स्वभाव बनाना होगा।

केकड़ी: धर्मसभा में उपस्थित महिला-पुरुष।

पाद प्रक्षालन कर लिया आशीर्वाद धर्मसभा के प्रारम्भ में नारंगीदेवी, पदमचंद, चंपादेवी, अशोक कुमार, गुणमाला, पंकज, विनय, आशीष, रोहित रांटा परिवार ने आचार्य श्री विशुद्ध सागर महाराज के चित्र का अनावरण कर दीप प्रज्वलन किया तथा चेतन कुमार, महावीर, सूरज व मनीष टोंग्या परिवार ने मुनिसंघ के पाद प्रक्षालन कर उन्हें शास्त्र भेंट किए। मुनि समत्व सागर का हुआ विहार तीन दिन के अल्पप्रवास पर केकड़ी आए मुनि समत्व सागर महाराज व मुनि शील सागर महाराज का गुरुवार शाम को जयपुर के लिए मंगल विहार हुआ। दिगम्बर जैन समाज के लोगों ने उन्हें अश्रुपूरित विदाई दी।

RELATED ARTICLES