केकड़ी, 14 अप्रैल (आदित्य न्यूज नेटवर्क): यहां रविवार को अजमेर रीजन थैलेसीमिया वेलफेयर सोसायटी के तत्वावधान में ढण्ड़ का रास्ता स्थित एमएलडी त्रिवेणी पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट में स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में विधायक शत्रुघ्न गौतम बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहे। शुरुआत में अतिथियों ने दीप प्रज्जवलित कर शिविर का शुभारम्भ किया। अजमेर के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल अस्पताल के ब्लड बैंक के सहयोग से आयोजित इस शिविर में 124 महिला-पुरूषों ने रक्तदान किया। शिविर में संग्रहित रक्त का उपयोग थैलेसीमिया से पीडि़त 251 बच्चों के नियमित रक्त संचरण के लिए किया जाएगा।

भ्रांतियां दूर करने की जरूरत कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गौतम समेत अन्य वक्ताओं ने कहा कि रक्त नालियों में बहाने के बजाए नाडिय़ों में बहाने से ही मानवीयता के नए आयाम स्थापित हो सकेंगे। रक्तदान के प्रति फैली हुई भ्रान्तियों को दूर करने के लिए जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता है। दुनियां की हर वस्तु का निर्माण फैक्ट्रियों में किया जा सकता है लेकिन रक्त का निर्माण जीवित व्यक्ति के शरीर में ही हो सकता है। रक्त की एक बूंद से मरणासन्न व्यक्ति के प्राण बचाए जा सकते है। रक्तदान से मनुष्य के शरीर में होने वाला रक्त संरचण ठीक रहता है।

इन्होंने दी सेवाएं शिविर में गब्बर सिंधी, डॉ. अविनाश दुबे, भंवरलाल तेली, अनिरूद्ध दुबे, रामधन गुर्जर, छीतरमल जाट, विष्णु साहू, प्रदीप, ललित कोरवानी, सत्यनारायण साहू, पुखराज, विजय सिंह, गणेश प्रजापत, फरहान, ब्लड बैंक के डॉ. संदीप शेरू, लैब टेक्निशियन व नर्सिंग स्टॉफ चेतन प्रकाश, मयंक शर्मा, रूपेन्द्र, नगराज, कुलदीप, संदीप कुमार यादव, राकेश, रोहित खारोल, विक्रम चौधरी, शैलेन्द्र सहित अन्य ने सहयोग किया।
थैलेसीमिया आनुवांशिक बीमारी अजमेर रीजन थैलेसीमिया वेलफेयर सोसायटी के प्रदीप लालवानी व रणजीत राजपुरोहित ने बातचीत में बताया कि थैलेसीमिया आनुवांशिक बीमारी है। जो बच्चों को माता-पिता से विरासत में मिलती है। इस बीमारी के कारण व्यक्ति को प्रत्येक माह रक्त संचरित करवाना पड़ता है तथा जीवन भर लोहकण विसर्जन की दवाओं का उपयोग करना पड़ता है। थैलेसीमिया का इलाज अस्थिमज्जा प्रत्यारोपण से किया जा सकता है।
शादी से पहले करानी चाहिए जांच थैलेसीमिया का इलाज अत्यधिक मंहगा होने के कारण आम आदमी की पहुंच से दूर है। थैलेसीमिया रोगियों में रक्त संचरित करने के लिए स्वैच्छिक रक्तदान करने वाले लोगों को आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि शादी से पहले प्रत्येक व्यक्ति को थैलेसीमिया जांच अनिवार्य रूप से करानी चाहिए।