केकड़ी, 12 अक्टूबर (आदित्य न्यूज नेटवर्क): राजस्थान की नगर पालिकाओं की सूची में एक नया नाम जुड़ गया है। केकड़ी जिले की टांटोटी ग्राम पंचायत को अब नगर पालिका का दर्जा मिल गया है। राज्यपाल की मंजूरी के बाद स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक एवं विशिष्ट सचिव कुमारपाल गौतम ने टांटोटी ग्राम पंचायत को नगर पालिका के रूप में अधिसूचित किया है। इस ग्राम पंचायत के सरपंच ओमप्रकाश डूंगरवाल नवघोषित टांटोटी नगर पालिका के अध्यक्ष घोषित किए गए हैं।

बजट में की थी घोषणा केकड़ी जिले की एक ग्राम पंचायत अब क्रमोन्नत होकर नगरपालिका बन गई है। यह ग्राम पंचायत है सरवाड़ उपखण्ड की टांटोटी ग्राम पंचायत, जिसे स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक व विशिष्ट सचिव कुमारपाल गौतम ने गुरुवार को एक अधिसूचना जारी कर तत्काल प्रभाव से चतुर्थ श्रेणी नगरपालिका घोषित कर दिया। यह घोषणा राज्य सरकार की ओर से 17 जुलाई 2023 को जारी विभागीय अधिसूचना क्रमांक 2428 के तहत निर्धारित मानकों में शिथलन देते हुए की गई है।
सरपंच बने चेयरमेन, उपसरपंच बने वाइस चेयरमेन इस संबंध में जारी अधिसूचना के अनुसार ग्राम पंचायत के निर्वाचित सरपंच ही अब नगर पालिका अध्यक्ष के रूप में कार्य करेंगे, जबकि ग्राम पंचायत के उप सरपंच पालिका उपाध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालेंगे। इसके साथ ही ग्राम पंचायत के वार्ड पंचों अब नगरपालिका के पार्षद कहलाएंगे। मुख्यमंत्री के बजट प्रस्ताव 2024-25 के अंतर्गत ग्राम पंचायत टांटोटी का सम्पूर्ण राजस्व सीमा क्षेत्र राजस्व गांव टांटोटी को शामिल करते हुए विद्यमान सीमाएं ही नवगठित नगर पालिका की स्थानीय सीमाएं रहेगी।
टांटोटी की जनसंख्या 5104 नवगठित टांटोटी नगर पालिका के पहले चेयरमैन के रूप में ओमप्रकाश डूंगरवाल नियुक्त किए गए हैं, जो कि वर्तमान में ग्राम पंचायत टांटोटी के निर्वाचित सरपंच है। स्थानीय निवासियों में इस फैसले को लेकर अत्यधिक उत्साह व खुशी है। टांटोटी की जनसंख्या 2011 की जनगणना के मुताबिक 5104 है। टांटोटी को 2013 में तहसील बनाया गया था, जिसमें पांच ग्राम पंचायत व तेरह गांव शामिल किए गए।

ग्रामीणों ने विधायक शत्रुघ्न गौतम का जताया आभार अब यहां नगर पालिका बनाने का फैसला टांटोटी के लिए एक और बड़ा बदलाव है, जिसका पूरा श्रेय ग्रामवासी क्षेत्रीय विधायक शत्रुघ्न गौतम को देते हैं। उनका कहना है कि विधायक गौतम इसके लिए लगातार प्रयासरत थे। टांटोटी के नगर पालिका बनने से यहां न केवल विकास कार्यों की रफ्तार तेज होगी, बल्कि क्षेत्र की बुनियादी सुविधाओं में भी सुधार होगा।