Monday, December 22, 2025
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ढोलक की थाप, मंजीरो की झंकार व अलगोजों की अलाप के बीच सुविख्यात तेजा मेला सम्पन्न, लोक संगीत व सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने मोहा मन, झूले-चकरी रहे आकर्षण का केंद्र

केकड़ी, 03 सितंबर (आदित्य न्यूज नेटवर्क): ढोलक की थाप, मंजीरो की झंकार व अलगोजों की अलाप से उभरते मदमस्त कर देने वाले लोक संगीत के बीच लोक देवता वीर तेजाजी की आस्था से जुड़ा केकड़ी का सुविख्यात तेजा मेला बुधवार को सम्पन्न हो गया। इस वर्ष लोगों के मनोरंजनार्थ नगर पालिका द्वारा कवि सम्मेलन, सुप्रसिद्ध गायक कलाकारों की भजन संध्या, म्यूजिकल आर्केस्ट्रा नाइट व तेजाजी के मारवाड़ी खेल समेत अनेक कार्यक्रम आयोजित किए गए। खेलकूद में कबड्डी व कुश्ती दंगल सहित अन्य प्रतियोगिताओं का आयोजन हुआ।

केकड़ी: विद्युत रोशनी में जगमग करते नगर पालिका भवन की फाइल फोटो।

आमजन की रही सहभागिता: सभी कार्यक्रमों में आमजन की सहभागिता व भारी भीड़ ने साबित कर दिया कि उदे्श्य सही हो तो सफलता निश्चित प्राप्त होती है। विधायक शत्रुघ्न गौतम के निर्देशन एवं पालिका अध्यक्ष कमलेश साहू, अधिशासी अधिकारी मनोज कुमार मीणा, नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र चौधरी व मेला संयोजक कैलाश चौधरी के नेतृत्व में पार्षदों व कर्मचारियों ने अथक परिश्रम कर मेले को निर्विवाद सम्पन्न करवाने में अपना योगदान दिया।

केकड़ी: विधायक शत्रुघ्न गौतम व पालिका अध्यक्ष कमलेश साहू (फाइल फोटो)

श्रद्धालुओं का लगा रहा तांता: मेले के दौरान पटेल मैदान, तीन बत्ती चौराहा, अजमेरी गेट, बस स्टैण्ड सहित नगर परिषद प्रांगण के आसपास श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। श्रद्धा के साथ भक्ति का आलम यह था कि वीर तेजाजी के भक्त मेले में दीवानों की तरह उमड़ पड़े। जिधर देखो उधर लोगों की भारी भीड़ नजर आई। युवाओं में विशेष जोश दिखा।

केकड़ी: मेला संयोजक कैलाश चौधरी, नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र चौधरी व अधिशासी अधिकारी मनोज कुमार मीणा।

अतिरिक्त जाब्ता रहा तैनात: मेले के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्योराज मल मीणा, पुलिस उप अधीक्षक हर्षित शर्मा, शहर थानाधिकारी कुसुमलता मीणा के नेतृत्व में तैनात पुलिस बल ने व्यवस्थाओं को अंजाम दिया। पुलिस की सख्ती के कारण पहली बार मेले में चेन स्नैचिंग एवं मोटर साइकिल चोरी जैसी घटनाएं नहीं हुई।

केकड़ी: पुलिस उप अधीक्षक हर्षित शर्मा व शहर थानाधिकारी कुसुमलता मीणा (फाइल फोटो)

प्रफुल्लित चेहरे इस मेले की पहचान: नगर में यह मेला सन् 1870 से लगातार प्रतिवर्ष आयोजित हो रहा है। वीर तेजाजी की स्मृति में 155 वर्षों से चल रही यह परम्परा क्षेत्र में साम्प्रदायिक सौहार्द की उन्नत सांस्कृतिक विरासत की मिसाल पेश करती है। जिसमें वीर तेजाजी की आराधना के स्वरों के साथ आमोद प्रमोद के दृष्टिकोण से सभी धर्मों के लोगों की शिरकत रहती है। ऊंच-नीच व छोटे-बड़े के भेद से परे सभी समुदाय के लोगों के प्रफुल्लित चेहरे इस मेले की पहचान है।

केकड़ी: मेले में उमड़ी भीड़।

महिलाओं ने उठाया मेले का आनन्द: मेले में आमोद प्रमोद के इन्द्रधनुषी रंगों के मध्य पटेल मैदान पर एक छोर से दूसरे छोर तक करीने से सजी अस्थाई दुकानों पर खेल-खिलौने व घरेलु आवश्यकता की छोटी-मोटी चीजों से लेकर गुब्बारों तक ने लोगों को ललचाया। मेले के अंतिम दिन ग्रामीण क्षेत्रों से आई महिलाओं ने मेले का जमकर आनन्द उठाया। मेले के दौरान लगे आकर्षक झूला-चकरी सबके आकर्षण का केन्द्र रहे।

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